1984 जनकपुरी और विकासपुरी में सिखों की हत्या के मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप तय पर सुनवाई टली

(अवैस उस्मानी)-1984 सिख दंगों से जुड़े जनकपुरी और विकासपुरी में सिखों की हत्या का मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप तय करने पर राउज़ ऐवेन्यु कोर्ट में आज फैसला टला,राउज़ एवेन्यु कोर्ट सिख दंगों से जुड़े एक मामले में सज्जन कुमार पर आरोप तय करने पर 23 अगस्त को फैसला सुनाएगा, मामले की सुनवाई करने वाले जज एमके नागपाल की अनुपलब्धता के चलते मामले की सुनवाई टल गई, 2015 में SIT ने सिख दंगा मामले में जनकपुरी और विकासपुरी में FIR दर्ज कर जांच शूरू किया था
जनकपुरी में दो सिखों सोहन सिंह और उनके दामाद अवतार सिंह को 1 नवंबर, 1984 की हत्या हुई थी विकासपुरी पुलिस स्टेशन के एरिया में गुरुचरण सिंह को जला दिया गया था, जिसके 30 साल बाद उनकी मौत हुई थी, मामले में SIT ने सज्जन कुमार का मई 2018 में पॉलीग्राफी टेस्ट भी किया था। शुरुआत में सज्जन कुमार ने पॉलीग्राफ टेस्ट का विरोध किया था। सज्जन कुमार के वकील ने कहा था सज्जन कुमार मामले में कई बार जांच में शामिल हो चुके हैं तो पॉलीग्राफ कराने का औचित्य है। अगर पॉलीग्राफ में एजेंसी को कोई साक्ष्य नहीं मिला तो इसके लिये परेशान करने के लिये कौन जवाबदार होगा। हालांकि बाद में सज्जन कुमार पॉलीग्राफी टेस्ट के लिए तैयार हो गए थे। पूर्व सांसद सज्जन कुमार 1984 सिख विरोधी दंगा मामले में पॉलीग्राफ जांच के लिये तर्क देते हुए कहा कि उनकी यह जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी व उनके वकीलों की मौजूदगी में कराई जाए। यह आरोप वापस लिया जाए कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान  सज्जन कुमार के वकीलों ने दलील दिया था कि SIT के पास कोई साक्ष्य नहीं है, 34 साल मामला पुराना है पहली बार शिकायतकर्ता हरविंदर सिंह ने 2016 में सज्जन कुमार का नाम लिया था।

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