Haryana Assembly Elections: हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने अपनी रणनीति बदल ली है। कांग्रेस अब आप पार्टी,समाजवादी पार्टी और लेफ्ट जैसे सहयोगी दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की रणनीति पर काम कर रही है। चर्चा है कि कांग्रेस पार्टी आम आदमी पार्टी के साथ ही एक एक सीट पर समाजवादी पार्टी और लेफ्ट जैसे सहयोगी दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकती है।फिलहाल सभी की नजर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के संभावित गठबंधन पर है। इस गठबंधन को लेकर दोनों पार्टियां लगातार बैठकें कर रही हैं। कई राउंड की मीटिंग हो चुकी है लेकिन सीटों के बंटवारे को लेकर अभी भी पेच फंसा हुआ है
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दरअसल लोकसभा चुनाव मुकाबले के दौरान कांग्रेस के साथ गठजोड़ कर आम आदमी पार्टी हरियाणा में कुरुक्षेत्र सीट पर चुनाव लड़ी थी। सूत्रों के मुताबिक अब आम आदमी पार्टी हरियाणा में 10 विधानसभा सीटों की मांग कर रही है।हालांकि शुरुआत में कांग्रेस 3 लेकिन अब 5 सीटों पर तैयार दिख रही हैमाना जा रहा है कि अगले 2 -3 दिन में सीटों के तालमेल को लेकर औपचारिक एलान हो सकता है।इससे पहले कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया ने गठबंधन के साफ संकेत देते हुए कहा था कि बीजेपी के खिलाफ वोटो का बंटवारा रोकने के लिए गठबंधन किया जा रहा है।
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दीपक बाबरिया,कांग्रेस प्रभारी हरियाणा- खबर है कि सीटों के तालमेल पर दोनों पार्टी नेताओं के बीच बातचीत के कई दौर हो चुके हैं।आम आदमी पार्टी के सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के साथ पार्टी नेताओं की कई राउंड की बातचीत हुई है। वही कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और दीपक बाबरिया के साथ आप पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा के साथ बैठक की जानकारी सामने आयी है। हालांकि आम आदमी पार्टी नेता राघव चड्ढा के साथ बातचीत को लेकर कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने सस्पेंस बनाते हुए कहा है कि अभी इस बात की जानकारी नहीं है।
वही आम आदमी पार्टी सूत्रों का कहना है कि गठबंधन पर आखिरी फैसला CM अरविंद केजरीवाल करेंगे। खबर है कि कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और आप पार्टी नेता राघव चड्ढा के बीच गठजोड़ को लेकर अगले चरण की बातचीत जल्द होगी।वही हरियाणा में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच संभावित गठजोड़ को लेकर कई सवाल पूछे जा रहे हैं। इस गठजोड़ के हरियाणा में असर को लेकर चर्चाएं हैं कि फिलहाल आम आदमी पार्टी हरियाणा में बिना जनाधार वाली पार्टी है ऐसी पार्टी से गठजोड़ का कांग्रेस को क्या फायदा होगा।साथ ही इस गठजोड़ का दिल्ली पर क्या असर पड़ेगा?
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के हरियाणा में गठजोड़ को लेकर एक सवाल यह भी है कि इस गठबंधन को लेकर हरियाणा की आम जनता का मूड क्या है?क्या यह मूड गठबंधन के फेवर में है या विरोध में है? इन सवालों के जवाब में कहा जा रहा है कि जनता की राय बटी हुई है।फिलहाल गठबंधन के फायदे और नुकसान को लेकर चर्चाएं चल रही है कहा जा रहा है कि हरियाणा में अपनी मजबूत राजनीतिक जमीन पर आप पार्टी को मौका देकर कांग्रेस पार्टी दिल्ली जैसी चुनौती बढ़ाएगी। कांग्रेस के साथ गठबंधन में सीटे जीतकर भविष्य में कांग्रेस के लिए ही आम आदमी पार्टी चुनौती बन सकती है।हालांकि आप पार्टी के साथ गठबंधन में फायदे को लेकर भी तर्क दिया जा रहा है कि दिल्ली में मजबूत आम आदमी पार्टी के साथ भविष्य में विधानसभा चुनाव के गठजोड़ को लेकर राह आसान रहेगी। तब आम आदमी पार्टी के सामने भी यही सवाल रहेंगे।
बहरहाल हरियाणा में गठजोड़ के पीछे कांग्रेस की रणनीति गैर जाट अदर्स वोटो को अपने साथ जोड़कर वोटो का बिखराव रोकने की है।सूत्रों के मुताबिक जिस तरीके से जेजेपी- चंद्रशेखर की पार्टी और बीएसपी- आईएनएलडी का गठजोड़ हुआ है वह दरअसल कांग्रेस के वोट बैंक में ही सेंध लगाएगा।हरियाणा में 17 एससी सीटे है।ऐसे में ये समीकरण कांग्रेस की चुनावी रणनीति गड़बड़ा सकता है।इसी को साधने के लिए अब आम आदमी पार्टी के साथ गठजोड़ पर चर्चा आगे बढ़ाई गई है।