भारतीय सेना में अहीर रेजिमेंट की मांग को लेकर चल रहा अनिश्चितकालीन धरना, पहुंच रहे बड़े नेता

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भारतीय सेना में अहीर रेजिमेंट की मांग को लेकर लगातार अब आवाज बुलंद होती जा रही है गुरुग्राम के खेड़की दौला स्थित धरना स्थल पर तमाम बड़े नेता पहुंच रहे है इस दौरान पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि देश का आम आदमी नारा लगाता है कि मोदी है तो मुमकिन है फिर अहीर रेजिमेंट मुमकिन क्यों नहीं इसलिए मुझे पूरी उम्मीद है कि मोदी के नेतृत्व में अबकी बार अहीर रेजिमेंट का गठन होगा हालांकि उन्होंने पिछली सरकारों का भी उदाहरण देते हुए कहा कि पहले हालात ऐसे नहीं थे कि अहीर रेजिमेंट बनाया जा सके क्योंकि पहले कई दलों की मिल जुलकर सरकार थी लेकिन अब केंद्र में और हरियाणा प्रदेश में एक ही पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार है और लोगों का हुजूम और गांव-गांव की मांग है कि अबकी बार अहीर रेजिमेंट बनना चाहिए इसलिए अबकी बार मांग पूरी होगी।
वहीं पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष यादव ने भी कहा कि भारतीय सेना के पूर्ण गठन के समय अहीर रेजिमेंट का नाम नहीं आया हालांकि यदुवंशियों की संख्या आजादी से पहले के युद्ध में और आजादी के बाद के युद्ध में उन्होंने बड़ी कुर्बानियां दी है और राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए उन्होंने सर्वोच्च बलिदान देने का कार्य भी किया वही डिप्टी स्पीकर संतोष यादव ने यह भी कहा कि 1962,1965, 1971 और कारगिल के युद्ध में यादव अहीर जाबांजो ने अपने अदम्य साहस और वीरता का परिचय देते हुए पूर्ण रूप से बलिदान देने का कार्य किया इन जवानों को अनेकों मेडल प्राप्त हुए हैं वीरता के मेडल परमवीर चक्र विक्टोरिया क्रॉस लेकिन नाम और सम्मान स्वाभिमान का तगमा अहीर रेजिमेंट का नाम नहीं मिला… इसलिए सभी राजनेता दलगत राजनीति से ऊपर उठकर यह मांग करते हैं कि जो यदुवंशियों ने प्रण लिया है जो इनके अंदर दंश है उनकी प्रतिष्ठा को सम्मान मिले।

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वही भाजपा से गुरुग्राम जिले के उपाध्यक्ष रविंद्र यादव ने कहा कि देश की आजादी से पहले और आजादी के बाद अहीरो ने काफी कुर्बानियां दी है ऐसे में अहीर समाज केवल यही चाहता है कि जब हम देश के लिए शहादत दे तब हमारे कंधे पर अहीर रेजिमेंट लिखा आए।
गुरुग्राम के खेड़की दौला से 4 फरवरी को अहीर रेजिमेंट की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू हुआ था और आज लगभग डेढ़ महीना हो गया है ऐसे मे 23 मार्च को अहीर समाज एक बड़ा प्रदर्शन भी करेगा ताकि सरकार को भारतीय सेना में अहीर रेजिमेंट की मांग को लेकर चेताया जा सके।

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