एशियाड में शूटिंग में रजत पदक विजेता रमिता जिंदल के माता-पिता ने बताई उनकी कामयाबी की कहानी

रमिता जिंदल ने चीन के हांगझू में चल रहे 19वें एशियाई खेलों में मेहुली घोष और आशी चौकसे के साथ मिलकर महिला टीम में रजत पदक जीता और 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में कांस्य पदक जीता है। इस उपलब्धि पर रमिता जिंदल के माता पिता बहुत खुश हैं। उन्होंने अपनी बेटी की कला और पढ़ाई के प्रति समर्पण के लिए उसकी जमकर तारीफ की।

रमिता के पिता अरविंद जिंदल बताया कि उसे प्रैक्टिस को एक भी दिन छोड़ना पसंद नहीं था और वो स्टडी भी पूरी लगन से करती थी।बरसातों में हमें याद है कि हमारे जूते गारों में धंस जाते थे। इस तरह से हम उसे स्कूटी पर, मोटर साइकिल पर छोड़कर आते थे। स्कूटी, मोटरसाइकिल स्लिप हो जाती थी, लेकिन उस बच्ची में जूनून था कि हां मिस नहीं करना है। 365 दिन थे और उसने 365 दिन ही शूटिंग की। जब वो दसवें में थी और जनवरी में केरला से वापस आए थे हम, तब उसने बुक्स उठाई थी और ऑनलाइन स्टडी की थी उसने 96% दसवीं में नंबर लिए।

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रमिता की मां सोनिका जिंदल ने कहा कि उनकी बेटी हमेशा बहुत मेहनती और करियर के प्रति लगन वाली रही है। मतलब मेहनत के लिए स्टडी हो, शूटिंग हो उसके लिए करियर के लिए वो पूरी तरह फोकस रहती थी। हम कह सकते हैं कि वो करियर के प्रति ईमानदार रही है शुरू से ही। पहले स्टडी में भी वो टॉप में रहती थी और अब भी अच्छा है उसका बीकॉम दूसरा साल है उसका।माता-पिता ने बताया कि रमिता का अगला मिशन अक्टूबर में ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करना और पोडियम फिनिश सुनिश्चित करना है।

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