(राहुल सहजवानी): पिछले कुछ दिनों से हरियाणा के पंचायत मंत्री द्वारा सरपंचों को विकास कार्यों के लिए दो लाख तक की पावर देने और सरपंच द्वारा पैसे का दुरुपयोग के आरोपों के बीच हरियाणा के यमुनानगर के रादौर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक डॉ बीएल सैनी का कहना है कि सरपंच नहीं बल्कि अधिकारी फंड का दुरुपयोग करते हैं। सरपंचों को 20 लाख रुपए तक के विकास कार्य करने की पावर दी जानी चाहिए।
यमुनानगर में मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेसी विधायक डॉ बीएल सैनी ने कहा कि पंचायत मंत्री के इस बयान से सहमत नहीं है। डॉक्टर सैनी ने कहा कि लगभग 2 साल तक प्रत्येक ग्राम पंचायत बिना सरपंच के रही। इस दौरान जमीन की नीलामी हुई, केंद्र व प्रदेश सरकार से फंड आए। पंचायतों में जमा हुए। लेकिन अधिकांश पंचायतों का बैलेंस जीरो है। जबकि विकास भी जीरो है। तो यह पैसा कहां गया। उन्होंने कहा कि सरकार सरपंचों को बेईमान साबित करना चाहती है। पैसे का दुरुपयोग सरपंच नहीं अधिकारी करते हैं। उन्होंने कहा कि इसके सबूत भी उनके पास है, जो वह देने को तैयार हैं। कुछ गांव में पैसा आया अधिकारी हड़प गए।
उन्होंने कहा कि अधिकारी नहीं बल्कि सरपंच गांव में अच्छे तरीके से विकास कार्य करवा सकते हैं। अधिकारी टेंडर करवाएंगे, उनमें कमीशन तय होगी, जो अधिकारी खा जाएंगे। मटरियल घटिया लगेगा। उन्होंने कहा कि अभी तो सरपंच निर्वाचित हुए ही हैं उन पर लांछन लगाना अच्छी बात नहीं है। प्रत्येक सरपंच को तुरंत विकास के लिए 10,10 लाख रुपए दिए जाने चाहिए और उसे 20 लाख तक के विकास कार्य करने की पावर दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि विधायकों के माध्यम से भी सरपंचों को पैसा दिया जा सकता है। इसके लिए विधायकों को 5 करोड़ पर की राशि दी जा सकती है।
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कांग्रेसी विधायक ने आरोप लगाया कि सरकार ने नंबर बनाने के लिए पंचायती संस्थाओं को बुलाया और इस दौरान सरपंचों पर लांछन लगाए गए। उन्होंने कहा कि सरकार चुने हुए प्रतिनिधियों पर विश्वास करने की बजाय अधिकारियों पर विश्वास कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार आने पर गांव का सारा विकास सरपंचों के माध्यम से करवाया जाएगा। कांग्रेसी विधायक रादौर का कहना है कि सरपंचों को विकास कार्य करने की पूरी छूट दी जानी चाहिए। क्योंकि वह उस गांव से जुड़ा हुआ है, गांव का भला चाहता है। पंचायती राज एक्सईएन, एसडीओ अथवा किसी अधिकारी की उस पर दखलंदजी नहीं होनी चाहिए।