P20 शिखर सम्मेलन में सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया संयुक्त वक्तव्य

(प्रदीप कुमार): नई दिल्ली में नौवें जी20 देशों की संसदों के अध्यक्षों के शिखर सम्मेलन (पी 20) के पहले दिन, लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में पीठासीन अधिकारियों ने सर्वसम्मति से संयुक्त वक्तव्य स्वीकार किया है।
पीठासीन अधिकारियों ने जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन और भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान हुए व्यापक और रचनात्मक संवाद का स्वागत किया, जिसमें सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की प्राप्ति में तेजी लाने, प्रौद्योगिकीय परिवर्तन और समावेशी डिजिटल अर्थव्यवस्था, वैश्विक आर्थिक सुधार, भोजन और ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन की समस्या के समाधान,  समावेशी ऊर्जा परिवर्तन,  पर्यावरण अनुकूल उत्पादन और उपभोग पैटर्न को बढ़ावा देने, बहुपक्षवाद को सशक्त करने,  शांति की स्थापना, आतंकवाद का विरोध करने, वैश्विक स्किल मैपिंग,  आपदा जोखिम में कमी और वैश्विक स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने जैसे विषयों पर व्यापक चर्चा हुई।

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इसके अलावा संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि नौवें पी20 के दौरान हुई रचनात्मक चर्चाओं और पिछले पी20 सम्मेलनों में प्राप्त अनुभव को ध्यान में रखते हुए, हम जी20 संबंधी कार्य विधि में प्रभावी और सार्थक संसदीय योगदान देने के लिए अपने संयुक्त कार्य को जारी रखने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं, जिसकी जी20 के नेताओं ने सराहना की है। वक्तव्य में आगे कहा गया कि संसदें संघर्षों और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हुये अंतरराष्ट्रीय शांति, समृद्धि और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए उत्प्रेरक के रूप में प्रासंगिक मंचों पर संसदीय कूटनीति और बातचीत करना जारी रखेंगी। पीठासीन अधिकारियों ने नौवें जी20 देशों की संसदों के अध्यक्षों के शिखर सम्मेलन की मेजबानी और गर्मजोशी भरे आतिथ्य के लिए भारत की संसद को धन्यवाद दिया। उन्होंने शासन और निर्णय लेने की प्रक्रिया में लोगों की भागीदारी की भारत की प्राचीन परंपराओं के अनुरूप संसद के नए भवन के उद्घाटन पर भारत को बधाई दी । पीठासीन अधिकारियों ने लोक सभा और राज्य विधान सभाओं में एक तिहाई सीटों का आरक्षण सुनिश्चित करने वाले ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ को पारित करने के लिए भी भारत की संसद को बधाई दी है।

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