अनिल कुमार, (टोटल न्यूज चंडीगढ़) हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दिए गए बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि उनकी प्रवृत्ति हरियाणा पर दोषपूर्ण बयानबाजी करने की है। जबकि सच्चाई तो यह है कि हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं को कम करने के लिए राज्य सरकार ने अथक प्रयास किए हैं और प्रदेश सरकार का लक्ष्य प्रदेश में जीरो बर्निंग का है।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने आपने निवास पर प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली में होने वाली हर समस्या के लिए केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहरा देते हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली को रहने लायक ही नहीं छोड़ा है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल पहले पंजाब और हरियाणा दोनों राज्यों के किसानों के बारे में बोलते थे कि वे पराली जलाते हैं, लेकिन अब वे केवल हरियाणा पर दोष लगाते हैं, जो कि बिल्कुल गलत है। कृषि मंत्री ने कहा कि अरविंद केजरीवाल कहते थे कि जब पंजाब में हमारी सरकार आएगी तो हम 6 महीने में ऐसी रणनीति अपनाएंगे, जिससे पराली जलाने की घटनाएं नहीं होंगी। लेकिन अब 6 महीने के बाद वह 1 साल का और समय मांग रहे हैं। इससे उनकी नीति और नियत दोनों ही पता लगती है।
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कृषि मंत्री ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं के बारे में जो बयान दिया है, उससे हरियाणा के किसान आक्रोशित हैं। हालांकि, आज पंजाब के मुख्यमंत्री ने कम से कम जिम्मेदारी ली है और यह माना है कि पराली जलाने की घटनाओं पर प्रबंधन नहीं हुआ है और यह कहा है कि अगले साल तक प्रबंधन कर लेंगे। कृषि मंत्री ने कहा कि पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं 20 प्रतिशत तक बढ़ी है, जिससे हरियाणा में भी प्रदूषण बढ़ा है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बयानबाजी करने की बजाये अपने प्रदेश की समस्याओं का स्वयं समाधान करें। उन्होंने कहा कि हरियाणा पंजाब से अलग होकर बना था और इसके बारे में कहा जाता था कि हरियाणा टिक पाएगा या नहीं। लेकिन आज हरियाणा का सकल घरेलू उत्पाद और अर्थव्यवस्था पंजाब से कहीं बेहतर है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण होने के पराली के अलावा भी अन्य कारण हैं। इसलिए यदि दिल्ली सरकार सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को मजबूत करने, इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग बढ़ाने इत्यादि उपाय करेगी तो दिल्ली में प्रदूषण कम होगा।
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