राजस्थान के कोटा में दो अलग-अलग मामलों में राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (नीट) की तैयारी कर रहे दो छात्रों ने रविवार को चार घंटों के अंतराल में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली।बता दे कि 17 साल के अविष्कार संभाजी कासले ने दोपहर करीब सवा तीन बजे जवाहर नगर में अपने कोचिंग संस्थान की इमारत की छठी मंजिल से छलांग लगा दी। कासले ने कुछ मिनट पहले ही कोचिंग संस्थान की तीसरी मंजिल पर एक परीक्षा दी थी।
क्षेत्राधिकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र के लातूर जिले का रहने वाला और 12वीं कक्षा का छात्र कासले तीन साल से शहर में नीट की तैयारी कर रहा था और अपने नाना-नानी के साथ तलवंडी इलाके में किराये के कमरे में रह रहा था। कासले के माता-पिता महाराष्ट्र में सरकारी स्कूल के शिक्षक हैं।सीओ ने कहा कि इमारत की घुमावदार सीढ़ियां ढकी हुई नहीं थीं। ये जांच की जा रही है कि कर्मचारियों और दूसरे छात्रों की मौजूदगी में कासले छठी मंजिल पर कैसे चढ़ गया।
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सीओ सिंह ने कहा, कासले की आत्महत्या के पीछे का कारण संस्थान के रूटीन टेस्ट में उसके कम अंक हो सकते हैं, क्योंकि वो पहले अच्छे अंक प्राप्त कर रहा था, लेकिन अंतिम रूटीन टेस्ट में उसके नंबर 575 से घटकर 288 हो गये थे।पुलिस के मुताबिक, कासले की मौत के चार घंटे बाद नीट की ही तैयारी कर रहे 18 साल के आदर्श राज ने शाम करीब सात बजे कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र के अपने किराये के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
कुन्हाड़ी के क्षेत्राधिकारी के. एस. राठौड़ ने बताया कि जब आदर्श की बहन और चचेरा भाई शाम लगभग 7:30 बजे फ्लैट पर पहुंचे, तो उन्होंने उसके कमरे को अंदर से बंद पाया। उन्होंने जब कमरा खोला तो आदर्श को छत से फंदे से लटका हुआ पाया।क्षेत्राधिकारी के. एस. राठौड़ ने बताया कि जब आदर्श को नीचे उतारा गया तो वो कथित तौर पर सांस ले रहा था, लेकिन अस्पताल ले जाते समय उसने दम तोड़ दिया।
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पुलिस के मुताबिक, बिहार के रोहतास जिले का रहने वाला आदर्श पिछले एक साल से कोटा में रहकर नीट की तैयारी कर रहा था और वो एक किराये के फ्लैट में अपनी बहन और चचेरे भाई के साथ रहता था।एएसपी (कोटा शहर) भगवत सिंह हिंगड़ ने बताया कि राज ने भी रविवार दोपहर अपने कोचिंग संस्थान में रूटीन टेस्ट दिया था। इसमें उसके कम नंबर आए थे और वो इससे परेशान था।दोनों छात्रों के पास से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। पुलिस ने बताया कि दोनों शवों का पोस्टमार्टम सोमवार को उनके माता-पिता के आने के बाद किया जाएगा।कोटा में पिछले साल भी अलग-अलग प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयार कर रहे 15 छात्रों ने आत्महत्या की थी।वर्तमान में देश भर से लगभग तीन लाख छात्र कोटा के संस्थानों में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं।