Lok Sabha Election:कोटा के लोगों ने एयरपोर्ट, किसानों के लिए सुविधाएं और कोचिंग स्टूडेंट्स की सुरक्षा की मांग की

Lok Sabha Election:कोटा लोकसभा क्षेत्र में नौ विधानसभाएं हैं, जिनमें से छह कोटा में और तीन बूंदी जिले में हैं।हाल ही में हुए राजस्थान विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस ने इनमें से पांच सीटों पर और बीजेपी ने चार सीटों पर जीत हासिल की थी।कोटा के वर्तमान सांसद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के पास है। बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्हें एक बार फिर इसी सीट से उतारा है।राजनैतिक जानकारों के मुताबिक बीजेपी कोटा में पीएम मोदी के चेहरे और अयोध्या के राम मंदिर के उद्घाटन से जुड़ी लोगों की भावनाओं के भरोसे चुनाव लड़ रही है।

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हालांकि, कोटा के लोगों का कहना है कि यहां एक एयरपोर्ट की मांग लंबे समय से चली आ रही है, जो अब तक पूरी नहीं हुई है।कांग्रेस भी इस मुद्दे को लपकने की कोशिश कर रही है।कोटा के किसान और सामाजिक कार्यकर्ताओं की शिकाय है कि जिले की कृषि क्षमताओं का पूरी तरह से उपयोग नहीं हो रहा है।कोटा की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार यहां का कोचिंग हब है, लेकिन कोचिंग स्टूडेंट की आत्महत्याओं का मामले जिस तेजी से बढ़ रहा है, वो चिंताजनक है। सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि सरकार को इस तरफ ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।लोगों का कहना है कि ये इलाके में कई सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत हैं, जो बड़ी संख्या में सैलानियों को आकर्षित कर सकती हैं। इसलिए एयरपोर्ट यहां के लोगों का प्रमुख मुद्दा बना हुआ है।18वीं लोकसभा के सदस्यों को चुनने के लिए आम चुनाव अप्रैल और मई के महीने में होने की उम्मीद है।

एयरपोर्ट सबसे बड़ा मुद्दा है…Kota वासियों के लिए

हालांकि मोदी जी की लहर है, राम मंदिर की लहर है, हिंदुत्व की लहर है बिड़ला जी अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं, लेकिन इतने बड़े नेता होने बावजूद भी कोटा के लिए, बूंदी के लिए, लोकसभा क्षेत्र के लिए कोई उपलब्धि नहीं है। इतने बड़े नेता थे तो कोटा में कोई इंडस्ट्री आती, कोई रेलवे का कारखाना आता, कोई ऐसी ट्रेनें चलती जो कोटा की जनता को सुविधा देती एयरपोर्ट सबसे बड़ा मुद्दा है हर बार वो कहते थे यदि एयरपोर्ट नहीं बना, मैं चुनाव नहीं लडूंगा।”

निवासी, कोटा: कोटा क्षेत्र जो चंबल की नहरों से संचित होता है, यहां एग्रो बेस्ड इंडस्ट्री की बहुत अपार संभावनाएं हैं। हम इंडस्ट्री की बात करते हैं, तो दूसरे तरह के इंडस्ट्री पर बात करते हैं मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री पर, लेकिन हमें एग्रो बेस्ड इंडस्ट्री पर जोर देना चाहिए जैसे की केशव राव पाटिल शूगर मिल लंबे समय से बंद पड़ी है। उसका फैसला भी हो चुका है और उसके लिए पुर्न संचालन के लिए राशि भी मुकर्रर की है।”कोंचिग एक बहुत बड़ा मुद्दा है, कोटा की अर्थव्यवस्था के लिए। लेकिन हम अर्थव्यवस्था को छोड़ दें, हमें कोंचिग छात्रों की सुरक्षा को भी मुद्दा बनाना चाहिए और मैं समझता हूं कि ये आत्महत्याएं जो हो रहीं हैं ये कोटा के लिए बहुत बड़ा ड्रॉ बैक है और मुझे लगता है कि प्रशासन ने, सरकार के स्तर पर और हमारे जनप्रतिनिधियों के आत्महत्या के मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया।”

गिरिराज चौधरी, जिलाध्यक्ष, भारतीय किसान संघ, कोटा: किसानों की कुछ समस्याएं हैं, उनका निराकरण इनके वादों के अनुसार होना चाहिए था, लेकिन अभी उस दिशा में इस गति से कदम नहीं बढ़ा पाए हैं। पूर्व में कहा 2022 तक हम किसानों की आय दोगुनी करेंगे, लेकिन मुझे लगता नहीं कि किसानों की आय दोगुनी हुई है। हां किसानों का कर्जा जरूर दोगुना हो गया है। बिजली की समस्या ऐसी है कि किसान को आज ट्यूबवेल लगाने के बाद में सात साल, आठ साल में कनेक्शन मिलता है।”

हरिओम शर्मा, विधायक, कांग्रेस, बूंदी: कनेक्टिविटी के आभाव में हमारे कोटा संभाग को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। चाहे वो रामगढ़ अभ्यारण का काम हो, चाहे वो एजुकेशन हब बने हुए लोगों को प्रभावित करने और उनके परिजनों को आने का काम हो, चाहे एग्रो बेस्ड इंडस्ट्रीज लगाने का काम हो, चाहे व्यापक दृष्टिकोण से इस क्षेत्र को विकसित करने के लिए लोगों के आवागमन को सरल और सुलभ बनाने का सवाल हो। इसके लिए एयरपोर्ट का होना और इसकी स्वीकृती होना जरूरी है।”

(SOURCE PTI )

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