Lok Sabha Speaker: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और रसायन एवं उर्वरक मंत्री, जेपी नड्डा; केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, अश्विनी वैष्णव; राज्य सभा के उपसभापति, हरिवंश; संसद सदस्यों, पूर्व सदस्यों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी इस अवसर पर डॉ. मुखर्जी को पुष्पांजलि अर्पित की।
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लोक सभा के महासचिव, उत्पल कुमार सिंह और राज्य सभा के महासचिव, पी.सी. मोदी ने भी डॉ. मुखर्जी को पुष्पांजलि अर्पित की।लोक सभा सचिवालय द्वारा डॉ. मुखर्जी के जीवन परिचय पर हिंदी और अंग्रेजी में प्रकाशित पुस्तिका समारोह में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों को भेंट की गई।डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (1901-1953) एक सुविख्यात राजनीतिज्ञ, बैरिस्टर, शिक्षाविद् और समाज सुधारक थे। 1934 में वे 33 वर्ष की आयु में कलकत्ता विश्वविद्यालय के सबसे कम उम्र के कुलपति बने।
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डॉ. मुखर्जी ने 1943 में बंगाल के अकाल के दौरान राहत प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे स्वतंत्र भारत के पहले उद्योग और आपूर्ति मंत्री भी रहे। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के तीन प्रमुख उपक्रमों, अर्थात चित्तरंजन लोकोमोटिव फैक्ट्री, सिंदरी फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन और हिंदुस्तान एयरक्राफ्ट फैक्ट्री (अब हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) की स्थापना करके भारत के औद्योगिक विकास की नींव रखी। राष्ट्रीय एकता के प्रबल समर्थक, डॉ मुखर्जी की विरासत शिक्षा, राष्ट्रवाद और एकजुटता तथा सशक्त भारत के दृष्टिकोण के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता है।राष्ट्र के प्रति डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की उत्कृष्ट सेवाओं के सम्मान में उनके चित्र का अनावरण भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री आर. वेंकटरमन ने 31 मई, 1991 को संविधान सदन (तत्कालीन संसद भवन) के केंद्रीय कक्ष में किया था।