Maharashtra: लंबे समय से चल रहे महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आक्रोश को देखते हुए, शिंदे सरकार ने मराठाओं को 10 फीसदी आरक्षण का बिल पास करने के लिए कहा। लेकिन फिर भी मराठा प्रदर्शनकारियों का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। अब महाराष्ट्र के जालना जिले के तीर्थपुरी इलाके में मराठा आरक्षण को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान एक बस में आग लगा दी गई है।
मराठा आरक्षण का मामला
बता दें कि महाराष्ट्र विधानमंडल में 20 फरवरी को एक अलग श्रेणी के तहत शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठों के लिए 10 फीसदी आरक्षण देने वाले विधेयक पारित हो गया था। लेकिन मराठा कोटा कार्यकर्ता मनोज जारांगे मारठों को ओबीसी कोटा में रखने की मांग पर अड़े हुए हैं। मराठा आरक्षण को लेकर प्रदर्शनकारियों का हंगामा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। जिसके बाद कानून व्यवस्था की स्थिति पर नजर रखते हुए जालना की अंबाद तहसील में कर्फ्यू लगाया दिया गया है।
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आरक्षण को मिल सकती है कानूनी चुनौती
दरअसल, सरकार ने मराठाओं को अलग से आरक्षण दिया गया है लेकिन उनकी मांग ओबीसी के अंदर ही आरक्षण की है। मराठाओं के इस मांग को लेकर मराठा आरक्षण के कार्यकर्त्ता मनोज जरांगे ने कहा कि अगर मराठाओं को ओबीसी के दायरे से बाहर का कोटा दे दिया तो आरक्षण को कानूनी चुनौती मिल सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि 50 फीसदी से अधिक आरक्षण किसी को नहीं दिया जाएगा।
मनोज जरांगे ने लगाया आरोप
इस मामले में डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस पर मनोज जरांगे ने आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वे मराठा समुदाय द्वारा अपने हक के लिए किए जा रहे इस प्रदर्शन को रोकना चाहते हैं। वे मराठाओं को कमजोर करने के मकसद से साजिश रच रहे हैं। पहले तो मराठाओं की जो मांग है उसे लेकर उनकी छवि खराब की जा रही है और इसके लिए उन्हें डराने-धमकाने की कोशिश भी की जा रही है।
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