प्रदीप कुमार की रिपोर्ट – तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से जुड़े मुद्दों पर संसद में तुरंत चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी दलों के विरोध के बीच आज राज्यसभा की कार्यवाही लगातार बाधित रही। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही कई विपक्षी सांसदों ने मंहगाई पर चर्चा करने के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था, लेकिन सभापति एम वेंकैया नायडू ने मांग को स्वीकार नहीं किया। इससे पहले सदन की कार्रवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर सदन में हंगामा शुरू कर दिया।
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दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होते ही विपक्षी सदस्य पेट्रोल, डीजल, एलपीजी की कीमतों में वृद्धि के मुद्दे पर तुरंत चर्चा की मांग को लेकर फिर से हंगामा करने लगे। इस बीच, टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन सदन में महिलाओं के लिए आरक्षण के मुद्दे को उठाना चाहते थे। सभापति ने सदन में व्यवस्था बनाने की कोशिश करते हुए श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के कामकाज की चर्चा पर उत्तर देने के लिए श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव को बुलाया। हालांकि सदन में हंगामा नहीं थमा। कार्यवाही स्थगित हुई तो सदन के बाहर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने बीजेपी नेताओं के साथ विपक्ष पर हमला बोला। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने राज्यसभा में हुए हंगामे पर कहा कि जिस तरीके से पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा को भी विपक्ष के लोगों ने बोलने नहीं दिया, वह शर्मनाक है उन लोगों को खेद जताना चाहिए ।इसमें विपक्ष की सभी पार्टियां शामिल थी।
इधर महंगाई के मुद्दे पर लोकसभा में भी हंगामा हुआ।कांग्रेस टीएमसी और अन्य विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर एकजुटता दिखाते हुए बढ़ती महंगाई को लेकर सरकार को घेरा। इसके अलावा अन्य मुद्दों लेकर भी सदन में हंगामा देखने को मिला विपक्षी पार्टी डीएमके ने तमिलनाडु के राज्यपाल को हटाने की मांग करते हुए विरोध दर्ज कराया।