(दिनेश कुमार): पलवल, सहकारिता, अनुसूचित जातियां एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री डा. बनवारी लाल ने किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में जागरूक करने के लिए आज लघु सचिवालय पलवल से दो मोबाइल वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर पलवल विधायक दीपक मंगला, होडल विधायक जगदीश नायर, हथीन विधायक प्रवीण डागर, जिला उपायुक्त मुनीष शर्मा, पुलिस अधीक्षक राजेश दुग्गल, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डा.पवन कुमार शर्मा, जिला बागवानी अधिकारी डा.अब्दुल रज्जाक, कृषि विशेषज्ञ महावीर मलिक भी मौजूद थे। Palwal ke taja samachar,
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डा.पवन कुमार शर्मा ने बताया कि पलवल जिले में किसानों को पराली न जलाने और फसल अवशेषों का प्रबंधन करने का संदेश देने के लिए कृषि विभाग द्वारा मोबाइल वैन चलाई गई है। यह मोबाइल वैन जिले के 18 गांवों में जोकि रैड और यैलो जोन में शामिल है, उन सभी गांवों में निरंतर किसानों को जागरूक करने का कार्य करेगीं। दूसरी वैन बाकी बचे हुए गांवों में किसानों को पराली के प्रबंधन के बारे में जागरूक करने का कार्य करेगीं। डा. पवन कुमार शर्मा ने बताया कि फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कृषि विभाग द्वारा कस्टम हायरिंग सेंटर बनाए गए है, जिनमें कृषि यंत्रों जैसे सुपर सीडर, जीरोटीलेज मशीन, स्ट्राचोपर, हैपीसीडर, रिवरीबल प्लो उपलब्ध है। किसान कस्टम हायरिंग सेंटर पर जाकर फसल अवशेषो का उचित प्रबंधन कर सकते है। खेत में फसल अवशेषों का समावेश भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि स्ट्राबेलर मशीन से पराली की गांठे बनाकर किसान लाभ कमा सकतें है। सरकार द्वारा किसानों को फसल अवशेषों का प्रबंधन करने के लिए एक हजार रूपए प्रति एकड़ अनुदान राशी प्रदान की जा रही है।
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कृषि विशेषज्ञ महावीर मलिक ने बताया कि गांव गांव जाकर किसानों को पराली न जलाने के प्रति जागरूक करने के लिए कृषि विभाग द्वारा अथक प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि फसल अवशेष जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है और भूमि की उर्वरक शक्ति की नष्टï हो जाती है। उन्होंने कहा कि किसान फसल अवशेषों को न जलाए बल्कि अवशेषों को मिट्टी में मिलाए। जिससे भूमि की उर्वरक शक्ति में बढ़ोतरी हो सके। इसके अतिरिक्त किसान फसल अवशेषों को पशुओं के चारा के रूप में भी काम ले सकते है। गांवों में किसानों को फसल अवशेष न जलाने की शपथ भी दिलाई जा रही है। Palwal ke taja samachar,
गांव घर्रोट के किसान राजेंद्र ने बताया कि कृषि विभाग द्वारा चलाई गई मोबाइल वैन द्वारा गांवों में किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में जागरूक किया जा रहा है। किसानों को पराली नहीं जलानी चाहिए। किसान भी अब जागरूक हो रहे है। किसानों ने पराली न जलाने का संकल्प लिया है। पराली को अब कमाई का जरिया बनाएगें ताकि किसानों की आर्थिक स्थिति में बदलाव हो सके। उन्होंने कहा कि पराली न जलाने के बारे में अन्य किसानों को भी जागरूक करेगें।
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