देशभर में होली की धूम है। लोग घरों मे, गलियों-मोहल्लों में, मंदिरों में, घाटों पर रंग-गुलाल उड़ा रहे हैं। कहीं पर बच्चे छतों की मुंडेर पर, घरों की बालकनी में पानी वाले गुब्बारे लेकर बैठे हैं, तो कहीं एक-दूसरे को पिचकारी से रंग रहे हैं। देशभर से होली खेलने की शानदार तस्वीरें और वीडियो सामने आ रहे हैं। लोग अपनों के बीच इस रंगों के त्योहार को जमकर सेलिब्रेट कर रहे हैं।
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने ट्वीट किया, ‘होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। आप सभी के जीवन में हमेशा आनंद और उमंग का रंग बरसे।’ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने घर पर होली समारोह का आयोजन किया, जिसमें भाजपा नेता समेत अमेरिकी वाणिज्य मंत्री जीना रैमंडो भी शामिल हुईं। उन्होंने इस मौके पर जमकर डांस किया।
ये हैं होली से जुड़ी मान्यताएं…
1. वसंत ऋतु का पर्व – वसंतोत्सव
बसंत ऋतु के आने पर मौसम सुहाना हो जाता है। इस वक्त न तो ज्यादा गर्मी होती है और न ही ज्यादा ठंड। ज्यादातर सभ्यताओं में आग और पानी से जुड़े पर्व वसंत के स्वागत में हैं। होली भी वसंत का रूप है। पुराने समय में रंग उड़ाकर इस ऋतु के आने पर उत्सव मनाते थे। इसलिए इसे वसंतोत्सव भी कहते हैं।
2. चंद्रमा को अर्घ्य – चंद्रमा का प्राकट्य उत्सव
फाल्गुन महीने की पूर्णिमा को कश्यप ऋषि के द्वारा अनुसूया के गर्भ से चंद्रमा का जन्म हुआ था। इसलिए इस तिथि पर चंद्रमा की विशेष पूजा और अर्घ्य देने का विधान बताया गया है। फाल्गुन महीने की पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा करने से रोग नाश होता है। इस त्योहार पर पानी में दूध मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए।
Read also:पीएम मोदी और अमित शाह मौजूदगी में माणिक साहा ने ली त्रिपुरा के सीएम पद की शपथ
3. लक्ष्मी-नारायण पूजा – महालक्ष्मी प्रकटोत्सव
समुद्र मंथन के दौरान फाल्गुन पूर्णिमा पर महालक्ष्मी अवतरित हुई थीं। यही कारण है कि लक्ष्मी जयंती फाल्गुन पूर्णिमा को मनाई जाती है। लक्ष्मी जयंती के दिन को काफी शुभ माना जाता है, इस दिन किसी भी काम की शुरुआत कर सकते हैं। इस दिन मां लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की पूजा भी की जाती है।