पीएम मोदी आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बिहार में 14,258 करोड़ रुपये की नौ नेशनल हाइवे की परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। इन हाइवे परियोजनाओं में चार हजार दो सौ 58 करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई करीब 350 किलोमीटर लंबी सड़क शामिल है। प्रमुख सड़क परियोजनाएं पटना रिंग रोड के 39 किलोमीटर के हिस्से की छह लेन, एनएच 30 के आरा–मोहनिया खंड की चार लेन, एनएच 31 के बख्तियारपुर–रजौली खंड और एनएच 131 ए की नरेनपुर–पूर्णिया खंड की चार लेन की हैं।
बिहार के विकास का मार्ग प्रशस्त करने से ये सड़कें राज्य में और उसके आसपास बेहतर संपर्क, सुविधा और आर्थिक विकास को बढ़ाएंगी। खासकर उत्तर प्रदेश और झारखंड के पड़ोसी राज्यों के साथ लोगों और सामानों की आवाजाही में काफी सुधार होगा।
प्रधान मंत्री ने साल 2015 में बिहार के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के विकास के लिए एक विशेष पैकेज की घोषणा की थी। इसमें 54 हजार 700 करोड़ रुपये की 75 परियोजनाएँ शामिल थीं, जिनमें से 13 परियोजनाएँ पूरी हो चुकी हैं, 38 पर काम चल रहा है जबकि अन्य डीपीआर में हैं, बोली–प्रक्रिया या स्वीकृति चरण में हैं।
पुल के क्षेत्र में भी बिहार को एक बड़ा बढ़ावा मिलेगा क्योंकि प्रधान मंत्री इस कार्यक्रम के दौरान तीन मेगा पुलों का उद्घाटन करेंगे। पुलों में पटना में मौजूदा महात्मा गांधी सेतु के समानांतर चार लेन पुल, कोसी नदी पर चार लेन पुल और भागलपुर में मौजूदा विक्रमशिला सेतु के समानांतर चार लेन पुल शामिल हैं। इन परियोजनाओं के पूरा होने के साथ, बिहार की सभी नदियों में 21 वीं सदी के विनिर्देशों के अनुरूप पुल होंगे और सभी प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग चौड़े और मजबूत होंगे।
प्रधान मंत्री के पैकेज के तहत, गंगा नदी पर पुलों की कुल संख्या 17 होने वाली है, जिसकी लेन क्षमता 62 है। इस तरह, औसतन हर 25 किलोमीटर पर राज्य में नदियों पर एक पुल होगा।
प्रधानमंत्री ऑप्टिकल फाइबर इंटरनेट सेवाओं का भी उद्घाटन करेंगे जहां बिहार के सभी 45 हजार नौ सौ 45 गाँवों को ऑप्टिकल फाइबर इंटरनेट सेवा के माध्यम से जोड़ा जाएगा। परियोजना का संचालन दूरसंचार विभाग, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के संयुक्त प्रयासों द्वारा किया जाएगा। यह परियोजना प्राथमिक विद्यालयों, आंगनवाड़ी केंद्रों, आशा कार्यकर्ता और जीविका दीदी जैसे सरकारी संस्थानों के लिए एक वाई–फाई और पांच मुफ्त कनेक्शन के कार्यान्वयन को भी पूरा करेगी।
इस परियोजना से ई–शिक्षा, ई–कृषि, टेली–मेडिसिन, टेली–कानून और अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं जैसे बिहार के सभी नागरिकों को बटन के क्लिक पर आसानी से उपलब्ध होने में मदद मिलेगी।