आतिशी खुद करेंगी BJP का चुनाव प्रचार, नहीं उतारेंगी विजेन्द्र गुप्ता के खिलाफ अपने उम्मीदवार?

Delhi Politics: Atishi herself will campaign for BJP, will she not field her candidate against Vijendra Gupta? Atishi, CM Atishi, Vijender Gupta, Delhi elections, Delhi assembly elections, Delhi bus marshals, #Atishi, #vijendragupta, #BJPGovernment, #AAPDelhi, #ArvindKejriwal, #delhiassemblyelection2025, #assembly, #Delhielections, #busmarshals, #delhincr, #politics

Political News: कुछ ही महीनों में दिल्ली में विधानसभा के चुनाव होने हैं। इस समय दिल्ली विधानसभा का सत्र चल रहा है, जो चुनाव से पहले आखिरी सत्र है और इससे पहले राजनीतिक बयानबाजी का सिलसिला जारी है। इस बीच दिल्ली की राजनीति में एक दिलचस्प खबर सामने आई है। Political News:

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दरअसल, दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता और बीजेपी के वरिष्ठ नेता विजेन्द्र गुप्ता को मुख्यमंत्री आतिशी ने एक ऑफर दिया है। ये ऑफर इस लिए भी दिलचस्प माना जा रहा है क्योंकि बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच पिछले कई महीनों से राजनीतिक बहस चल रही है, बस मार्शलों को पक्का करने पर दिल्ली विधानसभा में बहस चल रही है।

जब आतिशी आंदोलनरत बस मार्शलों को नियमित करने के मुद्दे पर बहस कर रही थीं, तो उन्होंने विजेंद्र गुप्ता को एक प्रस्ताव दिया कि अगर एलजी बस मार्शलों को नियमित करने का प्रस्ताव मंजूर करेंगे, तो आतिशी उनके खिलाफ अगले चुनावों में अपनी पार्टी का उम्मीदवार नहीं उतारेंगी। विजेंद्र गुप्ता दो बार दिल्ली की रोहिणी से विधायक रहे हैं, आतिशी ने इतना ही नहीं कहा, उन्होंने ये भी कहा कि वह विजेंद्र गुप्ता के पक्ष में रोहिणी में आकर चुनाव प्रचार भी करेंगी।

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बता दें, दिल्ली में एक साल से अधिक समय से दस हजार बस मार्शल रोजगार बहाली की मांग कर रहे हैं। इनकी मांग है कि राजनीतिक दल इन्हें चुनावी हथियार बनाएं, न कि इन्हें कुछ महीनों का काम दें। अब तक, सिर्फ मार्शल ने दिल्ली की मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल सहित कई वरिष्ठ नेताओं और अधिकारियों से संपर्क किया है, लेकिन वे मिल नहीं पाए हैं। दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की बैठक में बस मार्शलों को चार महीने की अस्थाई नौकरी दी जाएगी जब तक प्रदूषण दिल्ली में रहता है। लेकिन बस मार्शलों का कहना है कि फरवरी में चुनाव खत्म होते ही सरकार उन्हें नियमित करने की मांग ठंडे बस्ते में डाल देगी, इसलिए वे लगातार सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं।

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