RBI Report- भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को देश की घरेलू वित्तीय प्रणाली को जुझारू बताते हुए कहा कि बैंकों का नॉन परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) सितंबर, 2023 के आखिर में कई सालों के निचले स्तर 0.8 प्रतिशत पर आ गया।आरबीआई की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) के मुताबिक, इस अवधि में बैंकों का जीएनपीए अनुपात भी घटकर कई साल के निचले स्तर 3.2 प्रतिशत पर आ गया।
आरबीआई की ये रिपोर्ट वित्तीय स्थिरता और भारतीय वित्तीय प्रणाली की जुझारू क्षमता के जोखिमों पर ‘वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद’ (एफएसडीसी) की उप-समिति के सामूहिक मूल्यांकन को दर्शाती है।
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रिपोर्ट के मुताबिक, “सितंबर, 2023 में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) का सीआरएआर 27.6 प्रतिशत, जीएनपीए अनुपात 4.6 प्रतिशत और संपत्ति पर रिटर्न 2.9 प्रतिशत पर रहा।”रिपोर्ट बताती है कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबीएस) का जोखिम-भारित संपत्ति अनुपात (सीआरएआर) 16.8 प्रतिशत और समान इक्विटी टियर-1 (सीईटी1) अनुपात सितंबर, 2023 में 13.7 प्रतिशत था।
रिपोर्ट में भारतीय अर्थव्यवस्था की वर्तमान हालत का जिक्र करते हुए कहा गया कि घरेलू वित्तीय प्रणाली जुझारू बनी हुई है। इसे मजबूत आर्थिक बुनियादी सिद्धांतों, वित्तीय संस्थानों के स्वस्थ बहीखाते, मुद्रास्फीति में नरमी और निरंतर राजकोषीय मजबूती से समर्थन मिल रहा है।हालांकि, वैश्विक अर्थव्यवस्था कई चुनौतियों का सामना कर रही है जिनमें धीमी वृद्धि, बड़े सार्वजनिक लोन, बढ़ता आर्थिक विभाजन और लंबे समय तक भू-राजनैतिक संघर्ष का भी कुछ योगदान है।
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