19 साल बाद जेल से रिहा हुआ ‘बिकिनी किलर’ चार्ल्स शोभराज

Bikini girl killer, 19 साल बाद जेल से रिहा हुआ 'बिकिनी किलर' चार्ल्स शोभराज.....

ऐसा शख्स जिसने देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में खौफनाक साजिशों को अंजाम दिया है। चार्ल्स शोभराज उर्फ़ बिकिनी किलर के नाम मशहूर एक सीरियल किलर को आज काठमंडू जेल से दो दशकों बाद रिहा कर दिया गया है। चार्ल्स शोभराज का पूरा नाम हतचंद भाओनानी गुरुमुख चार्ल्स शोभराज है। चार्ल्स शोभराज को 2003 नें नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी लेकिन उससे 19 साल बाद ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश से जेल से रिहा कर दिया गया।

70 के दशक में चार्ल्स शोभराज पूरी दुनिया के लिए सिरदर्द बन चूका था। वो बिकिनी किलर के नाम से क्राइम की दुनिया में मशहूर था। उसके ऊपर पूरी दुनिया में कई लड़कियों की हत्या करने का आरोप है। लेकिन वास्तविकता अभी तक किसी को नहीं पता की आखिर में उसने कितनी लड़कियों की हत्या की थी ये तो सिर्फ चार्ल्स शोभराज का दिल ही जानता होगा।

दरअसल चार्ल्स शोभराज ने अब तक जितनी भी लड़कियों की हत्या थी उन सबके डेडबॉडी बिकिनी में ही बरामद किया गया इसलिए उसे ‘बिकिनी किलर’ के नाम से जाना जाता है। जुर्म की दुनिया में चार्ल्स शोभराज एक बड़ा नाम है। कोई ऐसा गुनाह नहीं है जो उसने न किया हो। यहां तक की इस सीरियल किलर की जिंदगी भी रोमांच और तिलस्म से भरपूर है। उसकी मां वियतनामी और पिता हिंदुस्तानी थे। लेकिन उसकी मां की उसके पिता के साथ शादी नहीं हुई थी इसलिए वो साथ नहीं रह सके और उसके पिता उससे दूर हो गए। चार्ल्स शोभराज कि जिन्दगी में हुए हादसों ने उसे किलर बनने की तरफ उकसाया।

चार्ल्स शोभराज 6 भाषाओं को जानने वाला था। इतने भाषाओं में बात करने वाला अपने शिकार को मकड़ी की तरह अपने जाल में फंसाता था। उसकी शिकार हुई महिलाओं ने ड्रग्स का सेवन कर रखा था और सभी के साथ उसने शारीरिक सम्बन्ध भी बनाये थे। अलग-अलग देशों में उसने अनेकों हत्याएं की थी। उसने 1972 से 1976 के बीच क़रीब 24 हिप्पियों को मौत के घाट उतारा था और ये भी कम दिलचस्प नहीं कि उसने विदेशी सैलानी महिलाओं को ही अपना शिकार बनाया।

पहली बार वो 18 साल की उम्र में जेल गया था। उसके बाद फ्रांस की जेल में बंद भयानक कैदियों से वो डरता था लेकिन एक बार डर निकल जाने के बाद वो क्राइम करने में मास्टर होता गया और अनगिनत वारदातों को उसने अंजाम दिया। और वो इतना शातिर हो गया था की जब मन करता जेल जाता और जब मन करता जेल से भाग जाता।

1971 में वो ग्रीस के पुलिस स्टेशन से भाग निकला था उसके बाद वो हिंदुस्तान पहुंचा, यहां पर भी उसने लूट और चोरी जैसी घटनाओं को अंजाम दिया। जिसके बाद वो वहां की पुलिस के हथ्थे चढ़ा, लेकिन वहां से भी पुलिस को चकमा देकर फार हो गया। 1972 में वो अफ़ग़ानिस्तान में काबुल की जेल में बंद था। लेकिन वहां उसने जेल के पहरेदार को नशीला पदार्थ खिलाकर बेहोश कर दिया और वहां से भी भाग निकला। इसके अलावा 1975 में एक बार फिर चार्ल्स शोभराज को ग्रीस में पुलिस ने पकड़ लिया। लेकिन इतना शातिर दिमाग वाला शोभराज ने ग्रीस के सबसे सुरक्षित जेल से भी पुलिस को चकमा देकर फरार होने में कामयाब रहा।

इसके बाद वो कुछ सालों तक भारत के सबसे सुरक्षित जेल तिहाड़ जेल में बंद रहा जहाँ से भागना नामुमकिन है, लेकिन वो यहां से भी चकमा देकर भाग निकला। इस घटना के बाद देश में हो हल्ला होने लगा सरकार पर भी सवाल उठाये जाने लगे। जिससे पुलिस अलर्ट हुई और देश के अलग-अलग हिस्सों में टीम को भेजी। जिससे बाद उसे गोवा से गिरफ्तार किया जहाँ पर वो एक नए शिकार की तलाश में वेशभूषा बदल कर निकला था। जहां से उसे गिरफ्तार करके एक कालकोठरी में बंद कर दिया गया जो पहले से ज्यदा सुरक्षित था। जिसके बाद जेल में वो काफी शांत रहता था और कोई भी ऐसी हरकत नहीं किया जिससे लगे की वो कोई नई योजना बना रहा है।

यहां पर भारत की पुलिस को चार्ल्स शोभराज के बारे में नई जानकारियां मिली। दरअसल वो इतना शातिर था की हर काम अपनी मर्जी से करता था उसे कब जेल में बंद होना है और कब भागना है ये भी वही तय करता था। चार्ल्स के दिमाग़ में तो शैतानी खुराफात थी। दरअसल 1977 में थाईलैंड की तरफ से चार्ल्स शोभराज की गिरफ़्तारी के लिए वॉरंट जारी किया गया था, जिसकी 20 साल तक की डेडलाइन थी और थाईलैंड में उसके ख़िलाफ़ क़त्ल के ही मामले दर्ज थे। लिहाजा उन इल्ज़ामों पर उसे सिर्फ और सिर्फ सज़ा-ए-मौत ही मिल सकती थी। वहीं 1986 में उसने जेल से भागने की कोशिश की जिसके बाद उसे 11 साल तक जेल में रहना पड़ा और जब तक वो बहार निकला तब तक थाईलैंड के वारंट की मियाद ख़त्म हो चुकी थी।

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उसके बाद वो कुछ सालों तक पेरिस में रहा और फिर बाद में नेपाल चला आया ये जानते हुए की नेपाल में उसके खिलाफ कई मामले दर्ज है। यहां पर उसके खिलाफ अमेरिकी और कनाडाई नागरिक की हत्या का मामला दर्ज है। और फर्जी पासपोर्ट के जरिए नेपाल आने का भी आरोप था। नेपाल आने के बाद यहां के पुलिस की नज़र ऊसपर पड़ी और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। जिसके बाद उसे उम्र कैद की सजा सुनाई गयी थी। लेकिन उसके यहां आने का रहस्य भी कोई नही जनता की ये जानते हुए की यहां पर उसे गिरफ्तार कर लिया जायेगा वो यह क्यों आया था।

 

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