सिख दंगा: जगदीश टाइटलर की अग्रिम जमानत पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

(अवैस उस्मानी)-1984 पुलबंगश गुरुद्वारा हिंसा मामले में आरोपी जगदीश टाइटलर की अग्रिम ज़मानत पर राउज़ एवेन्यु कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। राउज़ एवेन्यु कोर्ट टाइटलर की अग्रिम ज़मानत पर 4 अगस्त को दोपहर 3 बजे फैसला सुनाएगी। मामले की सुवनाई के दौरान CBI ने जगदीश टाइटलर की अग्रिम ज़मानत का विरोध किया। CBI ने कहा गवाह बड़ी हिम्मत दिखा करके सामने आए हैं और उनको प्रभावित किये जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है, CBI ने कहा कि नए गवाहों के बयान के अनुसार प्रथम दृष्टया में जगदीश टाइटलर की भूमिका नज़र आती है। मामले की सुनवाई की शुरुआत में कोर्ट रूम के पीड़ित महिलाओं ने जज के टाइटलर की जमानत का विरोध किया, टाइटलर को ज़मानत नहीं दी जानी चहिए, पीड़ित महिलाओं ने कहा 39 साल हो गया है, हमको न्याय नहीं मिला है। कई पीड़ित महिलाएं जज के सामने हाथ जोड़ कर रोने भी लगी थी, बाद में उनको समझा कर शांत किया गया।
1984 पुलबंगश गुरुद्वारा हिंसा मामले में आरोपी जगदीश टाइटलर की अग्रिम ज़मानत पर राउज़ एवेन्यु कोर्ट के स्पेशल CBI जज विकास ढुल की अदालत ने सुनवाई किया। सुनवाई के दौरान टाइटलर की अग्रिम जमानत पर सुवनाई के दौरान CBI ने जगदीश टाइटलर की अग्रिम ज़मानत का विरोध किया। CBI ने कहा गवाह बड़ी हिम्मत दिखा करके सामने आए हैं और उनको प्रभावित किये जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है, CBI ने कहा कि नए गवाहों के बयान के अनुसार प्रथम दृष्टया में जगदीश टाइटलर की भूमिका नज़र आती है। CBI ने कहा कि केस मेरिट के आधार पर तय होता है अभी संदेह के आधार पर राहत की मांग नहीं कि जा सकती है। सुनवाई के दौरान जगदीश टाइटलर के वकील ने कहा देश में बहुत दुःखद घटना हुई थी, 40 साल पहले जो हुआ उसको  माफ नहीं किया जा सकता है, इस केस की वजह से मेरा राजनीतिक कैरियर बर्बाद हो गया। टाइटलर के वकील ने कहा कि CBI ने मामले में क्लोज़र रिपोर्ट दाखिल कर दिया था, उसके बाद लोकसभा चुनाव से 11 महीने पहले कुछ नये गवाहों के बयान के आधार पर CBI ने मई 2023 में चार्जशीट दाखिल कर टाइटलर को आरोपी बनाया गया । टाइटलर के वकील ने कहा कि नानावती कमीशन की रिपोर्ट के बाद CBI ने मामले में जांच शुरू किया। टाइटलर के वकील ने कहा CBI ने मामले में कई बार क्लोज़र रिपोर्ट दाखिल किया और प्रोटेस्ट याचिका का विरोध किया। टाइटलर के वकील ने कहा CBI ने 2007, 2014 में चार्जशीट दाखिल कर क्लीचिट दिया था। टाइटलर के वकील ने कहा कि मामले में दिल्ली पुलिस ने दो बार और CBI ने जांच के बाद कहा टाइटलर के खिलाफ कुछ नहीं मिला।
जगदीश टाइटलर की अग्रिम ज़मानत पर सुनवाई के दौरान टाइटलर के वकील ने कहा जहां पर चार सदी के बाद गवाह सामने आये हो वहाँ यह देखना होगा कि जांच एजेंसी ने पहले क्या किया है। टाइटलर के वकील ने कहा हमको पता है कि हमको इसका समाना करना ही होगा। टाइटलर के वकील ने कहा पूरी जांच के दौरान CBI ने मुझको गिरफ्तार नहीं किया गया। टाइटलर के वकील ने कहा 25 साल बाद जिन गवाहों को शामिल किया गया है उनपर भरोसा नहीं किया जा सकता है। टाइटलर के वकील ने कहा कि CBI ने कहा कि क्लोज़र रिपोर्ट दाखिल करने के बात एक बार फिर जांच शुरू किया और फिर कहा कि टाइटलर के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। मामले की सुनवाई के दौरान टाइटलर के वकील ने कहा कि यह एक लग्ज़री मुकदमेबाज़ी जैसा हो गया है। पीड़ितों के वकील HS फुल्का ने लग्ज़री मुकदमेबाज़ी शब्द का विरोध किया, कहा इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है, यह इनकी मानसिकता को दिखाता है, यह 3000 लोगो की बर्बर हत्या से जुड़ा मामला है। टाइटलर के वकील ने कहा टाइटलर ने हमेशा जांच में सहयोग किया, कभी किसी गवाह को प्रभावित नहीं किया। टाइटलर के वकील ने कहा CBI ने कभी मुझको गिरफ्तार नहीं किया, सैकड़ों बार मैंने जांच के दौरान विदेश यात्रा किया है। टाइटलर के वकील ने कहा कि टाइटलर को कई स्वास्थ्य समस्या भी है, बाई पास सर्जरी, एंजियोप्लास्टी हो चुकी है, डाईबेटिस है, दो बार कोरोना हुआ, मेन्टल हेल्थ की भी दिक्कत है।
पीड़ितों की तरफ से वकील HS फुलका ने कहा यह देश का ऐसा पहला केस है जहां तीन बार क्लोज़र रिपोर्ट दाखिल की गई और तीनों बार अदालत ने क्लोज़र रिपोर्ट को खारिज किया गया। HS फुलका ने कहा कोर्ट मामले में मेरिट के धार पर फैसला लेगा कि क्या अधिकतम मौत की सज़ा दी जाए या नहीं यह ट्रायल का विषय है। HS फुलका ने कहा कि यह सिर्फ 3 सिखों की हत्या का मामला नहीं है यह सिखों के नरसंहार से जुड़ा मामला है, दिल्ली में दिन दहाड़े 3000 लोगों की हत्या की गई,  यह लोग कानूनी प्रावधानों का मख़ौल उड़ाते है। HS फुलका ने कहा कि सिख महिलाओं के साथ रेप और हत्या करने वाले लोगों को सम्मानित किया गया इसलिए आज मणिपुर में जो हो रहा है हम सब देख रहे है।

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HS फुलका ने कहा आज़ादी के समय बटवारे के समय जो हत्या हुई उसी तरह से का पैटर्न सिख दंगों, गुजरात, मुजफ्फरनगर और दूसरी जगहों पर भी देखा गया। HS फुलका ने कहा कि टाइटलर ने सिर्फ गवाहों को ही नहीं बल्कि वकीलों को भी धमकियां दी गई, जगदीश टाइटलर प्रभावशाली व्यक्ति है, उनको जमानत नहीं दी जानी चहिए। पीड़ितों के वकील HS फुलका ने कहा कोर्ट को ज़मानत पर विचार करते हुए, केस की ग्रेविटी को भी ध्यान में रखना चहिए, यह अब तक का सबसे भयानक नरसंहार था, टाइटलर का इतिहास गवाहों को प्रभावित करने का रहा है।

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