Sleep Well: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में और मोबाइल फोन के अत्याधिक प्रयोग के कारण लोग अच्छी और पर्याप्त नींद लेना ही भूल गए हैं, जिसका सीधा असर उनकी सेहत पर पड़ता है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए उम्र के हिसाब पर्याप्त नींद लेना बहुत जरूरी है।
लोगों को ऐसा लगता है कि दो-चार घंटे की नींद उनके मूड को रिफ्रेश कर सकती है लेकिन वास्तव में ऐसा होता नहीं है। इसी लापरवाही के चलते लोग कई बीमारियों की गिऱफ्त में आ जाते हैं और जब उन्हें इसका एहसास होता है तब पछताते हैं। अगर हम अपनी उम्र के हिसाब से पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं तो इसका सीधा असर हमारी मेंटल हेल्थ पर पड़ता है। अधूरी नींद के कारण लोग डिप्रेशन और एंग्जाइटी जैसी बीमारी की गिरफ्त में आ जाते हैं।
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सेहत के लिए खतरनाक है अधूरी नींद, इसलिए Sleep Well
अधूरी नींद लोगों की सेहत के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है। अधूरी नींद से लोगों में चिड़चिड़ापन, सिर दर्द, गुस्सा, थकान, आंखें चढ़ी-चढ़ी सी रहना, आंखों में सजन, लालिमा, डिप्रेशन और एंग्जाइटी जैसी बीमारी हावी होने लगती हैं। यहीं नहीं इसका सीधा असर आपकी प्रोफेशनल लाइफ से लेकर पर्सनल लाइफ पर भी पड़ता है।
जानें उम्र के हिसाब से कितने घंटे सोना है जरूरी ?
लोगों को अच्छे स्वास्थ्य के लिए उम्र के हिसाब से पर्याप्त नींद लेना भी बेहद जरूरी है। आमतौर पर पर्याप्त नींद के लिए निम्नलिखित दिशा निर्देश दिए जाते हैं –
नवजात शिशु (0-12 महीने): 13-16 घंटे प्रतिदिन
छोटे बच्चे (1-5 साल): 10-14 घंटे प्रतिदिन
बच्चे (6-13 साल): 9-11 घंटे प्रतिदिन
किशोर (14-17 साल): 8-10 घंटे प्रतिदिन
वयस्क (18-64 साल): 6-9 घंटे प्रतिदिन
वरिष्ठ नागरिक (65 साल से अधिक): 7-8 घंटे प्रतिदिन
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यह आंकड़ा अनुमानित और आम दिशा निर्देश हैं। कुछ व्यक्ति कम या अधिक नींद की भी आवश्यकता रखते हैं यह उनकी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य, जीवनशैली और अन्य तत्वों पर निर्भर करता है। अगर आपको नींद से जुड़ी समस्याएं हैं, तो चिकित्सक से जरूर सलाह लें।