Cyber Crime: साइबर अपराध एवं साइबर सुरक्षा जागरूकता को लेकर भिवानी साइबर पुलिस का विशेष आयोजन

भिवानी, Cyber Crime- साइबर अपराध के बढ़ते मामलों को देखते हुए लोगों को जागरूक करने के लिए हरियाणा की भिवानी साइबर पुलिस ने सोमवार को साइबर अपराध एवं साइबर सुरक्षा जागरूकता विषय पर विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया है।

भिवानी साइबर थाना के SHO विकास कुमार ने साइबर अपराध के प्रति सजग रहने की अपील करते हुए उससे बचने के तरीके भी बताए। वैश्य महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय गोयल ने इस अवसर पर पधारे अतिथियों का स्वागत करते हुए विधार्थियों को साइबर अपराध के प्रति सजग रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम के प्रति सजगता ही उसे रोकने का सबसे बड़ा हथियार है। उन्होंने विधार्थियों को बताया कि इंटरनेट के इस दौर में अपने सभी इंटरनेट अकाउंट्स को सुरक्षित रखना एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने विधार्थियों को साइबर क्राइम के प्रति सजग रहने की बात कही।

आधुनिकता के युग में आज हर क्षेत्र का डिजिटलीकरण हो गया है जिसके कारण आम नागरिकों को जहाँ इस कारण बहुत लाभ हुआ है, वहीं अपराधी किस्म के लोग इसमें सेंध लगाकर साइबर क्राइम कर आम आदमी के साथ रोज नित नए तरीके अपनाकर फ्रांड कर रहे हैं। इन्हें रोकने और इन पर शिकंजा कसने के लिए हम सबको मिलकर सांझे प्रयास करने होंगे। विद्यार्थी वर्ग इसे रोकने में अहम कड़ी का कार्य कर सकता हैं, विद्यार्थीयो को चाहिए कि वो साइबर क्राइम के प्रति सचेत रहें। उन्होंने आम जन से भी अपील की है कि वे किसी भी प्रकार से प्राप्त हुए लिंक को ना खोले और किसी भी फोन कॉल, संदेश, ईमेल इत्यादि पर दिए गए प्रलोभन या विश्वास में आकर अपनी कोई भी निजी जानकारी किसी के साथ सांझा ना करे।

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उन्होनें बताया की आपकी सहायता करने के लिए आपको यदि कोई बैंक, बिजली निगम, टेलीफोन एक्सचेंज, आयकर या किसी भी विभाग का कर्मचारी बताकर आपसे कोई जानकारी मांगता है तो आप उसे अपनी कोई भी जानकारी ना दें। साइबर ठगों के निशाने पर हर वह आदमी है, जो किसी भी डिजिटल माध्यम से जुड़ा है। फिर चाहे वह इंटरनेट मीडिया हो या फिर इंटरनेट बैंकिंग।

बदलते वक्त के साथ साइबर ठगों ने अपने पैंतरे भी बदले हैं। साइबर ठग इंटरनेट मीडिया के जरिए लोगों के पास किसी एप्लीकेशन के माध्यम से फ्रैंड रिक्वेस्ट भेजते हैं। वह उनसे दोस्ती करके धीरे-धीरे उनके बारे में समस्त जानकारियां जुटा लेते हैं। उसके बाद शातिर उनको ठगी का शिकार बनाने से नहीं चुकते ।वह उनकी निजी फोटो/बैंक खातों से संबंधी जानकारी भी एकत्रित कर लेते हैं और अपने जाल में फंसाकर उनके खाते में जमा पूंजी को खाली कर देते हैं। ऐसे में विधार्थियों एवं आमजन को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि वह अपने इंटरनेट मीडिया अकाउंट व बैंकिंग एप्स को सुरक्षित लॉक करके रखें तथा अपनी निजी जानकारी को किसी भी व्यक्ति से सांझा करने से बचें । अगर लापरवाही के कारण कोई साइबर ठगी का शिकार हो जाता है तो राष्ट्रीय साईबर हैल्पलाईन न. 1930 व 112 पर तुरंत काल करके या फिर NCRP पोर्टल Cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज करवाएं।

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