(अवैस उस्मानी)Delhi air pollution: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण और पराली जलाने की समस्या को लेकर जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने पंजाब और दिल्ली सरकार को जमकर फटकार लगाई।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोग मर रहे हैं, ऐसा कुछ हो जिससे समाधान निकले। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पंजाब में पराली जलाने पर राज्य सरकार को हरहाल में रोक लगानी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष को अगली सुनवाई पर अदालत में पेश होने को कहा।सुप्रीम कोर्ट ने कहा प्रदूषण के मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चहिए। सभी राज्य सरकार और केंद्र सरकार मिलकर काम करें। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय कैबिनेट सचिव को प्रदूषण मुद्दे पर चर्चा के लिए कल सभी पक्षों की बैठक बुलाने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी।
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण से निपटने के लिए तत्काल कदम उठाने की ज़रूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोग मर रहे हैं, ऐसा कुछ हो, जिससे प्रदूषण का जल्द समाधान निकले।जस्टिस एस के कौल ने कहा कि प्रदूषण पर राजनीतिक लड़ाई नहीं होनी चहिए । केंद्र और राज्य में कौन सत्ता में है, इसकी वजह से लोगों पर बोझ पड़ता है। आप देख रहे हैं कि छोटे बच्चे किन स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं। जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि दिल्ली में साल दर साल यही होता है सब कुछ बस पेपर पर ही चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की ज़रूरत है, यह पांच साल के प्रोग्राम से कुछ नहीं होता है, प्रदूषण पर तत्काल कदम उठाने की ज़रूरत है। इस मामले में हमारा ज़ीरो पेशेंस है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कई वर्षों से प्रदूषण की समस्या है जो लगातार जारी है। जरूरत है कुछ करने की। कोर्ट की मॉनिटरिंग में किसान आर्थिक दृष्टि से पराली जलते हैं। उनको इससे बचने के लिए फ्री विकल्प देना चाहिए, जिसका कोई शुल्क न लगे। जो विशेष धान की फसल लगाई जाती है, उसके अन्य विकल्पों पर विचार की जरूरत।केंद्र सरकार को अन्य फसलों पर एमएसपी देना चाहिए। धान की फसल लगाने से पराली जलाई जाती है और प्रदूषण होता है। उस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है, खेती के लिए अन्य विकल्प तलाश करने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मौसम भी एक मुद्दा है, अगर मेट्रो न होती तो भगवान जाने क्या होता, हालाँकि पॉइंट टू पॉइंट कनेक्टिविटी अभी भी एक मुद्दा है, लंदन में हर कोई अंडरग्राउंड मेट्रो का इस्तेमाल करता है।पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाया।सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से कहा तत्काल पराली जलाने पर रोक लगाइये। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से कहा हम नहीं जानते आप कैसे करेंगे पर इसे तत्काल रोकिए,। सुप्रीम कोर्ट ने कहा पराली जलाना एक बड़ी समस्या है, इसको रोकना होगा। पंजाब सरकार का दावा किया कि राज्य ने पिछले साल से आज तक प्रदूषण में 40 प्रतिशत की कमी की है।पंजाब सरकार ने कहा कि MSP पर केंद्र को बेहतर व्यवस्था करनी चाहिए।
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सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब में पराली की समस्या का समाधान करने की जिम्मेदारी केंद्र और पंजाब सरकार दोनों पर डाली है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा केंद्र को धान की एमएसपी नीति पर दोबारा विचार करना चाहिए। वैकल्पिक फसलों की तलाश करें जो प्रदूषण कम करें। यह पंजाब में उपयोग किया जाने वाला धान का एक विशेष ब्रांड है जो प्रदूषण का कारण बन रहा है। केंद्र को किसानों को वैकल्पिक फसल देनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा केंद्र पंजाब में किसानों को पराली जलाने से निपटने के लिए उपकरण उपलब्ध कराने के लिए अधिक धन और सब्सिडी दे सकता है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश राज्य सरकारें पराली जलाने की घटनाओं पर तत्काल रोक लगाएं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसके लिए स्थानीय SHO जिम्मेदार होगा।सुप्रीम कोर्ट ने कहा पराली जलाना एक मुद्दा है लेकिन यातायात का भी प्रदूषण में योगदान होता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गाड़ियों के प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली ने क्या कदम उठाया? मनी कलेक्शन किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 15 साल पहले यह समस्या उत्पन्न नहीं हुई थी क्योंकि ऐसी फसल नहीं होती थी, दिल्ली के आसपास का मौसम इस पर असर डालता है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि दिल्ली सीएम द्वारा पहले एक अच्छा सुझाव दिया था कि बायो कंपोजर लिक्विड से पराली को खाद में बदला जा सकता है पंजाब इसका इस्तेमाल कर सकता है, पंजाब को बताना चाहिए कि वह इसका इस्तेमाल क्यों नहीं कर रहा है
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में स्मॉग टॉवर के बंद पड़े होने पर सख्त नाराज़गी जताई। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि स्मॉग टॉवर कब काम करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा स्मॉग टॉवर तुरंत शुरू होना चहिए, हम नहीं जानते सरकार कैसे स्मॉग टॉवर शुरू करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को सभी स्मॉग टावरों का कामकाज सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि खुले में कूड़ा जलाने की गतिविधियों पर रोक लगाई जाए, अगर खुले स्थान पर कूड़ा जलाया जाता है तो सख्त कदम उठाया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा दिल्ली सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि नगर निगम का कचरा खुले में न जलाया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण के रियल टाइम डेटा की मॉनिटरिंग डीपीसीसी को करनी थी। लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने डीपीसीसी अध्यक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने को कहासुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की ऑड ईवन योजना पर सवाल उठाया – सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की ऑड ईवन योजना पर सवाल उठाया। जस्टिस संजय किशन कौल दिल्ली सरकार के वकील ने कहा आप पहले भी ऑड ईवन सिस्टम ला चुके हैं, क्या यह सफल हुआ है? क्या यह सब केवल दिखाने के लिए है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 2022 के गाडियों पर कलर कोड के आदेश को राज्यों में क्यों लागू नहीं किया गया राज्य सरकार इस पर अपना जवाब दाखिल करें। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से बताने को कहा कि एनवॉयरमेंटल कंपनसेशन चार्ज अब तक कितना वसूला है, उसका इस्तेमाल कहां किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी अपराजिता सिंह ने कहा कि प्रदूषण से निपटने के लिए आईआईटी द्वारा दिए गए सुझाव को व्यापक तरीके से लागू किए जाने की जरूरत है। एमिकस क्यूरी ने कहा प्रदूषण को रोकने के लिये सभी राज्य सरकारो के सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही आदेश जारी कर रखा है।लिहाजा आज कोई राज्य यह नही कह सकता है कि उनके पास आदेश नही है। सबसे ज्यादा जरूरी है कि राज्य सरकार द्वारा प्रदूषण को रोकने के लिए बनाए गए नियमो को सख्ती से लागू करना और उसका पालन होते हुए दिखना चाहिए। एमाईकस वकील अपराजिता सिंह ने कहा CAQM कह रहा था कि वह जनवरी से पराली को लेकर निगरानी कर रहा है कि पराली ना जलाई जाए उसके बाद भी बड़ी तादात में पराली जलाई जा रही है।