कुछ दिनों पहले शुरू हुए उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे लाइन पर बने पुल पर शनिवार देर रात कुछ अज्ञात लोगों ने ब्लास्ट कर दिया। प्रथम दृष्टया लग रहा है की ब्लास्ट का उद्देश्य पुल को उड़ाने और रेलवे ट्रैक को बर्बाद करने की थी। बता दें की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 अक्टूबर को ही इस लाइन का लोकार्पण किया था।
शनिवार की देर रात सबसे पहले स्थानीय लोगों ने यहां तेज धमाके की आवाज सुनी थी। मौके पर जाकर देखने पर वहां बारूद भी मिला है। ब्लास्ट से पटरियों पर क्रैक भी आ गया है। बता दें की धमाके से करीब 4 घंटे पहले ही ट्रैक से ट्रेन गुजरी थी। इस घटना के बाद अहमदाबाद से उदयपुर आ रही ट्रेन को डूंगरपुर में ही रोक दिया गया है।
जिले के कलेक्टर ताराचंद मीणा के अनुसार डेटोनेटर से पुल को उड़ाने की साजिश की गई है। जल्द ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा। वहीं इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा को डिटेल जांच के निर्देश दिए हैं। वहीं घटनास्थल पर ATS की टीम ने भी अपनी तरह से जाँच करने में जुटी है। जिले के SP ने कहा है की शुरुआत में तो यह लग रहा है कि पूरी तरह प्लानिंग कर ब्लास्ट किया गया है। डेटोनेटर सुपर 90 श्रेणी का है। बम स्क्वॉड और फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल पहुंचकर सबूत जुटाए हैं।
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ग्रामीणों की सजगता ने बड़े घटना को होने से बचा लिया। बता दें की ये घटना उदयपुर से करीब 35 किलोमीटर दूर सलूम्बर मार्ग पर केवड़े की नाल में ओढ़ा रेलवे पुल की है। जहां शनिवार की रात ग्रामीणों को 10 बजे के आसपास धमाके की आवाज सुनाई दी। इसके बाद कुछ युवा ग्रामीण वहां तुरंत पटरी पर पहुंचे तो तो वहां की हालत देखकर हैरान रह गए।
घटना के बाद इस पल रूट पर ट्रेनों के परिचालन को रोक दिया गया है और लाइन की मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया है। हालांकि फिर से कब ट्रैनों का परिचालन होगा अभी इस पर रेलवे प्रबंधन ने कोई सुचना नहीं जारी की है। जावरमाइंस थानधिकारी अनिल विश्नाई ने बताया कि माइनिंग ब्लास्ट में काम आने वाली सामग्री का उपयोग किया गया है। देसी विस्फोटक सामग्री मिली है। फिलहाल हर एंगल पर जांच कर रहे हैं।