UK: अमेरिका भारत से आने वाले विद्यार्थियों को बेहतर माहौल देने की अपनी कोशिश जारी रखे हुए है। एक प्रख्यात भारतीय-अमेरिकी शिक्षाविद ने इस साल भारतीय मूल के या भारत से आने वाले 11 विद्यार्थियों की मौत की खबरों के बीच सोमवार 15 अप्रैल को ये बात कही।
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अमेरिका में भारतीयों पर हमले की घटनाओं ने भारतीय समुदाय और भारत में रहने वाले विद्यार्थियों के परिजनों की चिंता बढ़ा दी है। अमेरिका में हुई इन मौतों के पीछे हमलावरों के मकसद का फिलहाल पता नहीं चल पाया है लेकिन भारतीय राजनयिक मिशनों ने विद्यार्थियों के साथ संपर्क साधने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसमें छात्र संघों के साथ संपर्क करने और विद्यार्थियों के लिए समय-समय पर जारी निर्देशों से अवगत कराना शामिल है।
वर्जीनिया के जॉर्ज मेसन यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ कंप्यूटिंग के डिविजनल डीन गुरदीप सिंह ने एक इंटरव्यू में बताया, ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस साल ऐसी घटनाएं हुईं और इतनी तादाद में हुईं। इसलिए अभिभावकों का चिंतित होना स्वाभाविक है। अगर मैं एक अभिभावक हूं और मेरा बच्चा किसी दूसरे देश में हैं, जहां इस तरह की घटनाएं हो रही हैं तो मैं भी निश्चित तौर पर उसे लेकर चिंतित रहूंगा।
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उन्होंने कहा, लेकिन मैं जो देख रहा हूं वो ये है कि मुझे ऐसा कोई कारण या मुद्दा नहीं दिखा, जिसे देख कर लगे कि ये अपराध घृणा से प्रेरित हों।” सिंह ने कहा, मुझे तब ज्यादा चिंता होती जब किसी एक विश्वविद्यालय में ऐसा हुआ होता, और लगातार तीन या चार घटनाएं होतीं तब कहीं घटना का मकसद सामने आता। लेकिन कम से कम मेरी जानकारी के अनुसार, मुझे घृणा से प्रेरित अपराध या भारतीय विद्यार्थियों को निशाना बनाकर किए जाने वाले हमले का कोई कारण नहीं दिखता है। सिंह ने कहा कि भारतीय विद्यार्थियों को ऐसी घटनाओं के प्रति ज्यादा सावधान और सतर्क रहने की जरूरत है। रिपोर्ट की मानें तो अमेरिका में भारतीय विद्यार्थियों की संख्या 2014-2015 में 1,32,888 थी, जो 2024 में लगभग तीन गुना बढ़कर 3,53,803 हो गई है।