UP News: आगरा के खंदौली इंटरचेंज पर यमुना एक्सप्रेस-वे पर जल संचयन के लिए बनाए गए एक तालाब में रविवार को चार बच्चियां डूब गईं। जिम्मेदार लोगों को दुर्घटना के बाद सुरक्षा उपायों की याद आई। सोमवार को लकड़ी के खंभे लगाकर तारों की फेंसिंग का काम शुरू किया गया लेकिन मौत के जिम्मेदारों पर मुकदमा नहीं लिखा गया। पुलिस तहरीर की प्रतीक्षा कर रही है।
Read Also: PM Modi visit Russia: रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने PM मोदी के लिए रात्रिभोज का किया आयोजन
बता दें, 2010-11 में, जेपी इंफ्राटेक (JP Infratech) ने यमुना एक्सप्रेस-वे के हर इंटरचेंज के पास तालाब बनाए। इनमें वर्षा का पानी जाने के लिए पक्का नाला भी बनाया गया था। खंदौली इंटरचेंज के पास खोदे गए तालाब में पानी भरने से कचरा हो गया है। रविवार को इस तालाब में डूबने से 12 साल की नेहा, खुशी, 8 साल की अनुराधा और 11 साल की चांदनी की मौत हो गई। तालाब 15 से 20 फुट गहरा होता है, स्थानीय लोगों का कहना है। Interchange Bridge हर दिन आसपास के गांवों से लोग आते हैं। बच्चे क्रिकेट खेलते हैं। मगर, तालाब के आसपास तारों की फेंसिंग नहीं की गई है। कोई बोर्ड तक नहीं लगाया गया है, जिससे लोग तालाब के पास नहीं जाएं।
सोमवार को लोगों को तालाब की ओर जाने से रोकने के लिए तारों को फेंसिंग किया गया था। लकड़ी के खंभे लगाने का काम मजदूर कर रहे थे, लेकिन कोई अधिकारी नहीं था। डॉ. सुकन्या शर्मा, सहायक पुलिस आयुक्त, ने बताया कि परिजन शवों को लेकर गांव चले गए थे। उनके पास लिखित शिकायत नहीं है। यदि शिकायत मिलती है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
Read Also: Haryana Accident: ट्रक से टकराने से कार में लगी आग, जिंदा जलने से तीन लोगों की मौत
जिस तालाब में दुर्घटना हुई, उसके आसपास दस से बारह छोटे-बड़े गड्ढे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि बारिश के समय इन गड्ढों में भी पानी भर जाता है, जिससे दुर्घटना हो सकती है। कोई भी डूब सकता है। कंपनी ने इन पर कोई ध्यान नहीं दिया है।
पुलिस ने तालाब के बराबर यार्ड बनाया है। हादसे वाले वाहनों को यार्ड में ही खड़ा कराया जाता है, खासकर आत्मादपुर और खंदौली क्षेत्र में। हर वाहन का विवरण भी होता है। इसके अलावा, थाना खंदौली के होमगार्ड को इन वाहनों की देखभाल करनी होती है। इसलिए होमगार्ड मुकेश कुमार ने दुर्घटना के समय बच्चियों को बचाने के लिए तुरंत मौके पर पहुंच गया।
