पीएम मोदी ने लॉन्च की ‘विकसित भारत@2047

Viksit Bharat@2047- राज निवास ने आज राष्ट्रव्यापी ‘विकसित भारत @2047’ कार्यक्रम के दौरान 500 से अधिक शिक्षाविदों की मेजबानी की, जिन्हें माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित फैकल्टी/शिक्षकों से अपील की कि वे छात्रों और युवाओं से जुड़कर उन्हें भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने के बारे में नए विचारों के साथ सामने आने के लिए प्रेरित करें। इससे पूर्व माननीय केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा स्वागत टिप्पणी की गई।कार्यक्रम में केंद्रीय और राज्य विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर्स के साथ-साथ दिल्ली के विभिन्न संस्थानों के निदेशकों ने भाग लिया। प्रधानमंत्री के भाषण के बाद, ‘Empowered Indians’ विषय पर प्रतिभागियों के रूप में वाइस चांसलर्स और फैकल्टी सदस्यों के साथ एक चर्चा और प्रश्न-उत्तर सत्र आयोजित किया गया।

चर्चा में सदस्यों ने शिक्षा और अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य, विकास के लिए प्रौद्योगिकी और विकास के रूप में खुशी, विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए। इस दौरान कई विचार सामने आए, जिन्हें आगे बढ़ाने का काम संस्थानों/विश्वविद्यालयों के छात्र करेंगे। राज निवास में मौजूद सभी शिक्षण संस्थानों में इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया गया, जिसे हजारों लोगों ने देखा।विकसित भारत @2047 और इसके लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रैक्टिस (एसओपी) में युवाओं को योगदान देने के लिए कैसे शामिल किया जाए, इस पर वाइस चांसलर्स और निदेशकों के साथ विचार-विमर्श किया गया।

उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने राज निवास में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि, जैसा कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में रेखांकित करते हुए कहा है कि हम सभी को भारत को दुनिया की सबसे शक्तिशाली अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में काम करना होगा, जहां हर भारतीय खुश, संतुष्ट, सशक्त और स्वस्थ होगा।

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उपराज्यपाल ने अपने संबोधन में शिक्षाविदों को नए भारत को आकार देने में उनकी जिम्मेदारी के प्रति आगाह किया । उन्होंने कहा कि युवाओं से जुड़ने और विकास के पथ पर उनका मार्ग दर्शन करने में शिक्षकों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि यही युवा अगली पीढ़ी के छात्रों को राष्ट्र निर्माण के लिए तैयार करने में उनकी मदद करेंगे।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, युवाओं का इस आंदोलन में शामिल होना और विकसित भारत @2047 पर अपने सपने और दृष्टिकोण को साझा करना महत्वपूर्ण है।उन्होंने दोहराया कि माननीय प्रधानमंत्री हमेशा देश में युवा शक्ति के बारे में बात करते हैं, क्योंकि कल का भारत उन युवा नागरिकों के जिम्मेदार हाथों में होगा जो अब स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ रहे हैं। यही छात्र भविष्य में महत्वपूर्ण निर्णय लेकर समाज, राज्य और राष्ट्र को नया आकार देंगे।

उपराज्यपाल ने कहा कि 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों वाले 140 करोड़ लोगों के देश में, 8 अलग-अलग धर्मों को मानने वाले, 122 भाषाएं और 1600 बोलियां बोलने वाले लोग रहते हैं, जिनकी संस्कृति और खान-पान अलग हैं। इसके बाद भी हम सभी की केवल एक ही पहचान है, जो हमें बांधे रखती है- वह है भारतीयता की पहचान।

उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने एक ‘जन आंदोलन’ के रूप में विकसित भारत @2047 का दृष्टिकोण रखा है और शिक्षा जगत के माध्यम से दिल्ली के युवाओं और छात्रों से इस आंदोलन में सक्रिय भागीदारी करने की अपील की है। श्री सक्सेना ने कहा कि युवाओं द्वारा दिए गए सुझाव और विचार हमें एक नया और जीवंत भारत बनाने में मदद करेंगे, क्योंकि आज के ही युवा 2047 में भारत के महत्वपूर्ण निर्णय लेने वाले और नए भारत के वास्तुकार होंगे।

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श्री सक्सेना ने कहा कि विकसित भारत का सपना तब तक साकार नहीं हो सकता जब तक हर हाथ को रोजगार नहीं मिल जाता और हाशिये पर मौजूद हर वंचित व्यक्ति को न्याय नहीं मिल जाता। इसलिए जरूरी है कि हम इस मिशन को राष्ट्रीय आंदोलन बनाएं ताकि हर क्षेत्र में भारत आगे बढ़ सके।

उपराज्यपाल ने फैकल्टी और शिक्षकों से अनुरोध किया कि वे कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के सभी छात्रों को राष्ट्र निर्माण के इस महाकुंभ से जुड़ने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने संस्थानों के प्रमुखों को अपने परिसरों में स्पेशल सेल स्थापित करने की सलाह दी, जो छात्रों के साथ जुड़ सके और इस ओर किए जा रहे प्रयासों की प्रगति की निगरानी रख सके।

 

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