Vintage Car Rally :1937 की रोल्स रॉयस, 1938 की ब्यूक 90 एल लिमोजिन, 1958 की विलीज़ जीप और 1966 की शेवरले इम्पाला।विंटेज कार के शौकीनों ने हाल ही में इन शानदारों सवारियों से जुड़ी पुरानी यादें ताजा कर दीं,जब 13 विंटेज कारों का काफिला अनूठी ‘क्लासिक कार रैली’ के लिए राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर उतरा।विंटेज कारों की ये परेड केएमपी एक्सप्रेसवे से होकर गुजरी और करनाल के नूर पैलेस में यात्रा समाप्त हुई। इसमें क्लासिक गाड़ियों की एक शानदार सीरीज का प्रदर्शन किया गया, जिसने भारत की ऐतिहासिक ऑटोमोटिव विरासत का जश्न मनाया।
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मदन मोहन, कार मालिक ये 1937 रोल्स रॉयस है, 2530 मॉडल कहा जाता है। ये हर मौसम में परिवर्तनीय है। मैंने ये कार 2006 के आसपास खरीदी थी और ये एक बहुत ही खूबसूरत कार है। जो पहले जयपुर के शाही परिवार के स्वामित्व में थी और मैं इस कार को चला रहा हूं। बहुत लंबा समय। मदन मोहन ने कहा कि 380 से अधिक पुरानी कारें हैं जिनमें से 18 रोल्स रॉयस हैं। परेड में शामिल ज्यादातर विंटेज कारों ने आसानी से अपना सफर पूर कर लिया, वहीं कुछ ऐसी भी थीं, जिन्हें काफी गर्मी का सामना करना पड़ा और इस दौरान वो कई बार बंद हुईं। हालांकि, सभी विंटेंज कारें अपने स्टाइल में और समय पर गंतव्य तक पहुंचने में सफल रहीं।
ये 1961 का शेवरले ब्रुकवुड स्टेशन वैगन है। ये छह लीटर वी8 है। इसलिए इसका विस्थापन काफी अधिक है। हमने इसे 2020 में खरीदा था और ये सबसे लंबे समय तक एक संग्रहालय में था और हमने इसे तब खरीदा और फिर हमने इस पर काम किया। ये और फिर हमने इसे चलाया। इसलिए वर्तमान में भी ये एक कार्य प्रगति पर है जहां हम मैकेनिकल और हर चीज को व्यवस्थित कर रहे हैं लेकिन आज की ड्राइव ने इसमें काफी मदद की है । 1941 की कैडिलैक सीरीज 62 कूप, 1972 की कैडिलैक सेडान डेविल और 1968 की फॉक्सवैगन बीटल भी इस रैली में शामिल थीं, जिन्हें लोगों ने काफी पसंद किया।धीरज नवानी,फिएट 1963 के मालिक ये लोगों का ध्यान खींचती हैं,ये आपको लोगों का सारा ध्यान आकर्षित कराता है। लोग चाहते हैं कि हम रुकें और वे तस्वीर लेना चाहते हैं, सेल्फी लेना चाहते हैं।मुझे नहीं पता कि हमारी सभी कारें सोशल मीडिया पर कहां पोस्ट हो जाती हैं। दुनिया भर से तस्वीरें हमारे पास आती हैं।हेरिटेज मोटरिंग क्लब ऑफ इंडिया- एचएमसीआई ने नूर महल पैलेस के सहयोग से इस रैली का आयोजन किया था।