चरखी दादरी(प्रदीप साहू): गेहूं खरीद का सीजन पिक पर है, लेकिन इस बार आवक बेहद कम है। दादरी जिले के आठों खरीद केंद्र वीरान पड़े हैं। पांच खरीद केंद्रों पर तो एक भी दाना की खरीद नहीं हुई। तीन खरीद केंद्रों पर एक महीने के दौरान सिर्फ साढ़े 12 हजार क्विंटल ही गेहूं पहुंचा है। दूसरी ओर इस बार गेहूं की आवक कम होने के चलते जिले में काम की तलाश में आए करीब 300 श्रमिक आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। श्रमिकों का कहना है कि उनके लिए काम ढूंढना मुश्किल बना हुआ है जिसके चलते दूसरे प्रदेश में बैठे परिजनों को भी इस बार वो आर्थिक मदद नहीं भेज पा रहे हैं।
आपको बता दें, इस बार मंडियों में गेहूं की आवक ना के बराबर है। मंडी अधिकारी इसका कारण जहां एमएसपी से बाजार भाव ज्यादा होने व गेहूं का रेट बढऩे की आशंका के चलते किसानों द्वारा भंडारण करना मानते हैं। मंडियों में आवक कम रहने के कारण यहां काम करने वाले प्रवासी मजदूर भी परेशान हैं। पिछले साल के मुकाबले इस साल प्रति एकड़ करीब पांच से छह क्विंटल गेहूं कम हुआ है। चर्चा में यह भी है कि इस बार गेहूं की फसल की पैदावार कम हुई है। ऐसे में ज्यादातर किसान अनाज का भंडारण किए हुए है।
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श्रमिक रामभज बताते हैं कि दिनभर में मुश्किल से अपने रहने का खर्च निकाल पा रहे हैं। इस बार काम काफी कम है और इसके चलते परिवार को भी आर्थिक मदद नहीं भेज पा रहे हैं। पिछले सीजन में अच्छी कमाई हो गई थी जिसके कारण घर का खर्चा अच्छी तरह से निकल जाता था। इस बार किसान ही मंडी नहीं पहुंच रहे हैं। मार्केट कमेटी के सचिव बसंत कुमार ने बताया कि जिले में आठ खरीद केंद्र बनाए गए हैं जिनमें से पांच खरीद केंद्रों पर सरकारी खरीद नहीं हो पाई है। खरीद शुरू होने के एक माह के दौरान करीब साढ़े 12 हजार क्विंटल ही गेहूं की खरीद हो पाई है। किसान बोनस मिलने या बाजार भाव बढऩे का इंतजार कर रहे हैं, इसलिए गेहूं की आवक कम हुई है।
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