हरियाणा में सरसों के बाद अब गेहूं की सरकारी खरीद भी एक अप्रैल से शुरू हो चुकी है, लेकिन मंगलवार को दूसरे दिन भी किसान अपनी फसल लेकर मंडी नहीं पहुंचे। हालांकि सरसों की सरकारी खरीद 26 मार्च से शुरू हुई थी, बावजूद इसके भी रोहतक अनाज मंडी में अब तक मात्र 200 क्विंटल के करीब ही सरसों की खरीद हुई है।
मंडी क्यों नहीं पहुंच रहे किसान, जानें कारण ?
पिछले दिनों रोहतक में हुई ओलावृष्टि के कारण किसानों की काफी फसल खराब हुई है। वहीं आढ़तियों और किसानों का आरोप है कि सरकार आढ़तियों और किसानों को खत्म करने में लगी हुई है। वहीं मंडी अधिकारियों ने किसानों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसान अपनी फसल को अच्छे से सुखाकर लाएं। दूसरी ओर सरसों की सरकारी खरीद को लेकर संबंधित एजेंसी द्वारा बाहरी एजेंट बनाने पर आढ़तियों में काफी रोष देखने को मिल रहा है और वे एक अप्रैल से पांच अप्रैल तक सांकेतिक धरना देने बैठ गए हैं। माना जा रहा है यही कारण हैं कि किसान परेशान हैं और मंडी की ओर फसल लेकर प्रस्थान नहीं कर रहे हैं।
हरियाणा में एक अप्रैल से प्रदेशभर की मंडियों में गेहूं की सरकारी खरीद शुरू हो गई है लेकिन रोहतक अनाज मंडी में अभी तक एक भी दाना गेहूं का नहीं पहुंचा है। हालांकि सरसों की खरीद 26 मार्च से शुरू हुई थी लेकिन अब तक मात्र 200 क्विंटल ही सरसों की खरीद हुई है। अब ऐसा माना जा रहा है कि पिछले दिनों हुई ओलावृष्टि और बेमौसमी बारिश की वजह से किसानों की काफी फसल खराब हो चुकी है और वो सरकार से गिरदावरी की मांग भी कर रहे हैं।
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मंडी में फसलों की सरकारी खरीद के लिए हुए इंतजामों को लेकर अधिकारियों का कहना है कि किसानों के लिए पानी खाने-पीने यहां तक की टीवी देखने की भी व्यवस्था की गई है तो वहीं किसानों और आढ़तियों का आरोप है कि सरकार उन्हें खत्म करने पर लगी हुई है। किसानों ने कहा कि वह फसल लेकर आते हैं लेकिन अधिकारी फसल में नमी होने का बहाना बनाकर उसे नहीं खरीद रहे। वहीं आढ़तियों का कहना है कि सरकार ने जानबूझकर ऐसी व्यवस्था की है ताकि किसान मजबूरी में अपनी फसल प्राइवेट कंपनियों को बेच सकें।