(अजय पाल)Cash For Query: तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा लोकसभा सदस्यता खत्म होने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है । महुआ मोइत्रा ने याचिका दायर कर उनके खिलाफ एथिक्स कमेटी की सिफारिश और उसके बाद लोकसभा से प्रस्ताव पारित होने को गलत बताया।कैश फोर क्वेरी यानी पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में महुआ के खिलाफ कार्यवाही करते हुए लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी गयी थी हालांकि, महुआ ने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया ।
जानें क्या था मामला ?- आपको बता दें कि लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने अपनी जांच में पाया कि महुआ मोइत्रा ने बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी को पार्लियामेंट का लॉगिन आईडी-पासवर्ड दिए।टीएमसी नेता की वजह से देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा बताया ।एथिक्स कमेटी ने ये पाया कि महुआ को लॉगिन आईडी-पासवर्ड देने के बदले में हीरानंदानी के जरिए कैश और गिफ्ट्स भी मिले.इन बातों को ध्यान में रखते हुए एथिक्स कमेटी ने महुआ की संसद की सदस्यता रद्द कर दी.
बता दें कि टीएमसी के टिकट पर पश्चिम बंगाल की कृष्णा नगर सीट से जीतकर महुआ मोइत्रा पहली बार संसद पहुंची थी । उन्हें 8 दिसंबर को संसद से निष्कासित किया गया।महुआ ने एथिक्स कमेटी के फैसले के बाद कहा कि कमेटी के पास उनकी सदस्यता रद्द करने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने ये भी कहा कि इस बात के भी कोई सबूत नहीं हैं कि उन्होंने बिजनेसमैन हीरानंदानी से कैश लिया है