11 Year Old Hyderabad Girl -11 साल की आकर्षण सतीश ने ने बच्चों के लिए बनाई सात लाइब्रेरीउन्होंने अपने पड़ोसियों, सहपाठियों और अपने परिवार के सदस्यों से किताबें इकट्ठा करना शुरू किया। 5800 से ज्यादा पुरानी किताबों इकटठा हो गई हैैं। आपको बता दे कि जब वो तीन साल की थी तब से उसके माता-पिता ने उसे गिफ्ट में किताबें देकर इसकी इस आदत को और प्रोत्साहित किया है।
आकर्षणा के पिता ने कहा कि तीन साल बाद हमने केवल किताबें देना शुरू कर दिया। हम जहां भी जाते हैं, हम उसकी किताबें खरीदते हैं। कम से कम एक तरह की कहानी की किताब हम उसे देते हैं, इसलिए वो इसे पढ़ना शुरू कर देती है। पांच साल से हमने देखा कि वो किताबें पढ़ने में अधिक रुचि देने लगी है। इसलिए, हमें ये समझ में आ गया और उसने किताबें पढ़ना शुरू कर दिया। आजकल उसने समाचार पत्र भी पढ़ना शुरू कर दिया है।
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एक बार आकर्षणा अपने माता पिता के साथ एक कैंसर अस्पताल गई। वहां भर्ती बच्चों ने कहा कि उन्हें भी किताबें पसंद हैं और वे चाहते हैं कि उन्हें भी पढने को किताबें मिलें। आकर्षणा ने इस पर अपने माता-पिता से बात की जिन्होंने उसे इस दिशा में कुछ करने के लिए प्रोत्साहित किया।”मैंने बच्चों से बातचीत की। उस समय उन्होंने मुझसे उनके लिए कुछ किताबें खरीदने का अनुरोध किया। इसलिए मेरे माता-पिता के आग्रह के बाद मैंने अपार्टमेंट ग्रुप में एक मैसेज भेजा। मुझे अच्छा रिस्पांस मिला। फिर मैं घर घर जाकर अपनी दोस्तों के साथ किताबें इकट्ठा करने लगी। इस तरह मेरे पास 5800 से ज्यादा पुरानी किताबों इकटठा हो गई।
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उस संग्रह के साथ आकर्षणा और उनके माता-पिता ने वंचित पृष्ठभूमि के बच्चों के लिए सात लाइब्रेरी बना दी हैं।
आकर्षणा का कहना है कि उन्हें हर तरह की किताबें पसंद हैं। उनका मानना है कि एक बार अगर किसी को पढ़ने की आदत पड़ जाए तो ये जीवन भर का जुनून बन जाता है। सामान्य ज्ञान की किताबें आपको बहुत सारा ज्ञान देती हैं लेकिन जब आप काल्पनिक किताबों में जाते हैं, तो आप अपनी खुद की एक काल्पनिक दुनिया में पहुंच जाते हैं, और उस काल्पनिक दुनिया के माध्यम से आपकी रचनात्मक प्रक्रिया अंततः बढ़ जाती है। एक बार जब आप पढ़ने की आदत शुरू कर देंगे तो आप इसे कभी नहीं छोड़ेंगे। आप हर दिन अधिक किताबें, अधिक पेज पढ़ना शुरू कर देंगे और धीरे-धीरे, आप किताबों की दुनिया में खो जाएंगे। आकर्षणा के इस अनोखे काम के लिए उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय और राज्य सरकार से भी सराहना मिल चुकी है।