1984 सिख दंगा : गवाह ने अदालत में कहा उसने नहीं देखा सज्जन सिंह हिंसक भीड़ का हिस्सा थे

(अवैस उस्मानी): 1984 सिख दंगों से जुड़े जनकपुरी और विकासपुरी में सिखों की हत्या मामले में राउज़ एवेन्यु कोर्ट में गवाह मंजीत कौर का बयान दर्ज किया गया। मामले में गवाह मंजीत कौर ने कहा कि मैने भीड़ के लोगों से सुना था सज्जन कुमार भीड़ में शामिल थे लेकिन सज्जन कुमार को आंखों से नहीं देखा था, हमको नहीं पता सज्जन कुमार कौन है। मामले में गवाह मंजीत कौर ने कहा कि हमारे साथ बहुत बुरा हुआ, जो मेरे साथ बिता है वही अदालत में बता रही हूं, जिन्होंने हिंसा देखा है जिनके साथ बिता है बस वही जानते हैं। वहीं मामले में एक अन्य गवाह त्रिलोचन सिंह की मौत हो चुकी है।राउज़ एवेन्यु कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 7 दिसंबर को होगी। कोर्ट में अगली सुनवाई पर मामले में अन्य गवाहों के बयान दर्ज होंगे।

दिल्ली सिख हिंसा मामले में राउज़ एवेन्यु कोर्ट के स्पेशल जज MK नागपाल की अदालत में सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई के दौरान जनकपुरी और विकासपुरी में सिखों की हत्या मामले गवाह मंजीत कौर ने कहा कि  मैने भीड़ के लोगों से सुना था सज्जन कुमार भीड़ में शामिल थे लेकिन सज्जन कुमार को आंखों से नहीं देखा था, हमको नहीं पता सज्जन कुमार कौन है। मामले में गवाह मंजीत कौर ने कहा कि 2016 में दिल्ली पुलिस ने हमारा बयान घर पर ही दर्ज किया गया था, इससे पहले हमारा कोई बयान नहीं दर्ज किया गया था। गवाह मंजीत कौर ने कहा कि उसने खुद देखा कि बड़ी तादात में भीड़ ट्रक वगैरा से आई, कालोनी कोई भी व्यक्ति भीड़ में शामिल नहीं था, हिंसक भीड़ में शामिल सभी लोग बाहर के थे, मेरे पिता सरदार नाथ सिंह गुरुद्वारा के अध्यक्ष रहे हैं।

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राउज़ एवेन्यु कोर्ट गवाह मंजीत कौर ने कहा कि मेरे देवर सरदार गुरु चरण सिंह को जली अवस्था में सड़क पर फेंक दिया था , उसको कुछ लोगों ने बचाया, अगले दिन सभी घायल लोगों को सरकारी गाड़ी में लेकर राजगार्डन के ESI अस्पताल में ले जाया गया और अगले दिन उनको RML अस्पताल में शिफ्ट किया गया। मामले में गवाह मंजीत कौर ने कहा कि मेरे ससुर का एक महीने तक इलाज हुआ, मेरे पति को एक हफ्ते तक इलाज बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया था, मेरे पति का पैर में प्लास्टर लगा हुआ था, चोट के बाद मेरे पति चलने के लायक नहीं रहे। मामले में गवाह मंजीत कौर ने कहा कि मेरे देवर सरदार गुरुचरण सिंह का अस्पताल में एक महीने से ज़्यादा समय तक इलाज चला, उसके बाद लंबे समय तक प्राइवेट इलाज चला। दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा गवाह को प्रभावित किया गया है उसने मामले में सभी तथ्य नहीं बताया है, इसलिए गवाह का क्रॉस एग्जामिनेशन करना है। दिल्ली पुलिस के वकील ने गवाह से पूछा क्या 2008 में  मौत के समय तक आपके देवर गुरुचरण सिंह की बेड पर थे। गवाह मंजीत कौर ने कहा कि देवर तेजेंद्र सिंह की रीढ़ हड्डी की चोट की वजह से मौत के समय तक बेड पर थे इनकी मौत 5 साल पहले हुई थी। गवाह मंजीत कौर ने कहा कि घटना के समय सरदार सोहन सिंह कोहली हमारे पड़ोस में रहते थे, सरदार सोहन सिंह कोहली और उनके दामाद की भी हत्या कर दी गई थी, सोहन सिंह कोहली की बेटी को दो महीने पहले बच्चा हुआ था वह अपने पति के साथ सरदार सोहन सिंह कोहली के घर आई हुई थी।सज्जन के वकील अनिल कुमार शर्मा  ने कहा मंजीत कौर का बयान दिल्ली पुलिस की एंटी राइट्स सेल के सामने 17/12/1992 को दर्ज हुआ था, यह कहना गलत है 2016 में पहली बार मंजीत कौर का बयान दर्ज किया गया। सज्जन के वकील अनिल कुमार शर्मा ने एंटी राइट्स सेल के सामने मंजीत कौर ने कहा था उन्होंने नहीं देखा कि वहां क्या हुआ। गवाह ने मंजीत कौर ने कहा कि वह दिल्ली पुलिस की राइट्स सेल के सामने पेश नहीं हुई थी, ना ही मामले में मेरा कोई बयान नहीं दर्ज किया गया था। गवाह ने कहा कि उसको यह ध्यान नहीं है SIT वाले उसके घर पूछताछ के लिए दो बार आए।

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