प्रदीप कुमार- कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आज कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए देश में बाघों के बचाव और टाइगर रिजर्व को समृद्ध करने का क्रेडिट पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को दिया हैं।जयराम रमेश ने कहा कि आज से 50 साल पहले इंदिरा गांधी ने कॉर्बेट में प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत की थी। तब 9 टाइगर रिजर्व थे, आज 53 हैं। जयराम रमेश ने कहा है कि प्रोजेक्ट टाइगर के चलते हमारे देश के पर्यावरण और वन्य जीवन का संरक्षण हुआ है। जयराम रमेश ने कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य केवल टाइगर का संरक्षण ही नहीं था, बल्कि जंगल को भी सुरक्षित रखना था।
जयराम रमेश ने आगे कहा कि आज इसका राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक महत्व ये है कि जो हमने कानून बनाए थे वो पर्यावरण और वन्य जीव संरक्षण के थे लेकिन केंद्र सरकार संसद में जो नया वन संरक्षण कानून लेकर आई है उससे जंगल और वहां का जीवन खतरे में है। इससे पर्यावरण को नुकसान होगा। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि नए कानून से केवल केंद्र सरकार के पूंजीपति मित्रों को फायदा होगा। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि इस संशोधित नए कानून से हाथियों के व्यापार के दरवाजे खोले गए हैं।पिछले 50 साल में वन्य जीव संरक्षण और जंगल को बचाने के क्षेत्र में जो भी उपलब्धि हासिल हुई, वो सब खतरे में है।
पूर्व केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि इस नए संशोधित बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजा गया है। जहां सरकार के बहुमत के चलते इसे मंजूरी मिलना महज औपचारिकता है जबकि इस संशोधित बिल को संसद की स्टैंडिंग कमेटी को भेजा जाना चाहिए था। दरअसल अप्रैल में टाइगर प्रोजेक्ट के पचास साल और एलीफेंट प्रोजेक्ट के तीस साल पूरे होने के मौके पर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय एक बड़ा कार्यक्रम करने की तैयारी में है।
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ख़बर है कि पीएम मोदी टाइगर प्रोजेक्ट के 50 साल पूरे होने के अवसर पर मैसूरु और चामराजनगर जिलों में आयोजित होने वाले मेगा इवेंट की शुरुआत करेंगे। इसी सिलसिले में 9 अप्रैल को पीएम मोदी कर्नाटक के चुनावी दौरे के दौरान बांदीपुर टाइगर रिजर्व में सफारी की यात्रा करेंगे। ज़ाहिर है ऐसे में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने देश में बाघों को बचाने से जुड़े प्रोजेक्ट टाइगर की याद दिलाते हुए क्रेडिट तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को दिया है और नए संशोधित वन्य जीव संरक्षण कानून को लेकर केंद्र सरकार को घेरा है।