Mahakumbh News: तिरुवनंतपुरम के एक मुस्लिम परिवार में जन्मे मुमताज अली खान महाकुंभ में सबसे लोकप्रिय आध्यात्मिक नेताओं में से एक हैं।उन्हें सुनने के लिए कई विदेशी भी पहुंच रहे हैं और आध्यात्मिक मार्गदर्शन ले रहे हैं।
Read also- प्रयागराज: मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत, 60 घायल
हिंदू धर्म की नाथ परंपरा के दीक्षार्थी मुमताज अली खान ने कहा कि 19 साल की उम्र में उन्हें अपना गुरु बनाने की आवश्यकता महसूस हुई और उन्होंने 19 साल की उम्र में ही घर छोड़ दिया था और हिमालय चले गए थे। हिमालय में उनकी मुलाकात कई संतों से हुई। आध्यात्मिक गुरु महेश्वरनाथ बाबा से हुई , जिनके साथ रहकर मुमताज अली ने आध्यात्म को अपना लिया और तभी सेआध्यात्मिक गुरू मुमताज अली खान को अब श्री एम के नाम से भी जाना जाता है।उन्होंने कहा कि जो चीज उन्हें हिंदू अध्यात्म की ओर आकर्षित करती है वह सनातन धर्म है।
Read also- मौनी अमावस्या पर वाराणसी और अयोध्या में श्रद्धालुओं ने लगाई पवित्र डुबकी
मुमताज़ अली खान, आध्यात्मिक गुरु- देखिए मेरी आध्यात्मिक यात्रा अगर इस जन्म में देखी जाए तो आठ साल की उम्र में शुरू हो गई थी और मैं पुनर्जन्म में विश्वास करने वाला आदमी हूं, क्योंकि मेरा अनुभव ऐसा है। छोड़िए उसके बार में बातचीत करके कोई फायदा नहीं है। मगर इतना कह सकता हूं कि आठ साल की उम्र में महेश्वर नाथ बाबाजी जो मेरे गुरू हैं और थे तब वो तिरुवनंतपुरम कहां है साउथ में आखिर में, तो वहां मुझे ढूंढकर आए जिसे ट्रेनिंग देने की जरूरत है, तो इसका मतलब है कि पुनर्जन्म का बहुत सारा कनेक्शन है इसमें, तो उन्होंने जब मेरे सिर पर हाथ रखा वहां से मेरी आध्यात्मिक यात्रा इस जन्म में शुरू हुई।
तो मैं मेडिटेशन कुछ नहीं करता था मुझे कुछ नहीं मालूम था। तब से रात से मुझे जो है ध्यान का तरीका मुझे मालूम चलने लगा और धीरे धीरे 19 साल की उम्र तक वो तो चले गए 10 मिनट में हाथ लगाकर 19 साल की उम्र में मुझे हिमालय जाने का इतना आकर्षण हुआ मन से, मुझे मालूम भी नहीं था क्यों जा रहा हूं। लेकिन सोच रहा था कि कोई होंगे मेरे गुरू, तो ऐसे मैंने बहुत तकलीफ पाकर चलके वहां पहुंचा 19 साल की उम्र में और व्यास गुहा जो है बदरी के आगे है गुहाना के पास, वहां मैंने फिर वापस महेश्वरनाथ बाबा जी के पास पहुंचा बाकी सब हमारी आध्यात्मिक साधना सब कुछ है।”