(अनिल कुमार): हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए एसीएस स्तर के अधिकारियों को इलेक्ट्रिक वाहन मुहैया करवाये जाएंगे। इसके लिए विभागीय स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है और सरकारी स्तर पर भविष्य में ई वाहनों की ही खरीद की जाएगी। उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने चण्डीगढ़ में आयोजित ‘ग्रीन मोबिलिटी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स एक्सपो मे आए विभिन्न कम्पनियों के इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के कई माॅडल का अवलोकन किया। उन्होंने एक्सपों में आए ओद्योगिक क्षेत्र के लोगों से कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों में कई नई तकनीक आ रही है जिस पर अधिक काम किया जाए।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि देश के सभी राज्यों में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए नीतियां बनाई गई हैं। हरियाणा ने भी इलेक्ट्रिक वाहन नीति बनाई है जिसके कारण लोग तेजी से इस नीति के तहत लाभ लेकर इलेक्ट्रिक वाहनों को अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा का कोई भी विद्यार्थी अगर ई-व्हीकल पर शोध करके उसका पेटेंट करवाएगा और अगर कोई भी विश्वविद्यालय इलेक्ट्रिक वाहन पर रिसर्च सेंटर खोलना चाहता है तो सरकार उसकी मदद करेगी।
उन्होंने उद्योगपतियों को आहवान किया कि वह भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण को बढ़ावा दें। जिसके लिए प्रदेश सरकार उनकी हर संभव मदद करेगी। उन्होंने आम लोगों को ईवी अपनाने की अपील करते हुए कहा कि अब समय आ गया है जब हमें पैट्रोल व डीजल को छोड़ना होगा। ताकि हमारा पर्यावरण भी सुरक्षित रहे। क्योंकि जलवायु परिवर्तन पूरे देश के सामने एक बड़ी चुनौती के रूप में खड़ा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में सरकारी स्तर पर भी इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है। लोगों को विकल्प की तरफ बढ़ाने के लिए दिशा में इलेक्ट्रिक वाहन अच्छा कदम है। इलेक्ट्रिक वाहन पेट्रोल और डीजल पर चलने वाले वाहनों की तुलना में बहुत सस्ता है।
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों को बढावा दिया जा रहा है जिससेे आने वाले समय में लोगों को इसका काफी फायदा होने वाला है। इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर लोगों की समझ बढ़ी है और वे अब ग्रीन वाहनों को अपना रहे हैं। हरियाणा में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों को सब्सिडी प्रदान की जा रही है, जिसके चलते हरियाणा में 350 लोगों ने पंजीकरण करवाया है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने और राज्य में ईवी वाहनों को अपनाने के लिए हरियाणा इलेक्ट्रिक वाहन नीति बनाई है। ताकि हरियाणा को इलेक्ट्रिक मोबिलिटी विकास और इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवीएस) के निर्माण के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि नीति खरीदारों, निर्माताओं और सेवा प्रदाताओं सहित सभी हितधारकों को प्रोत्साहित करके पूरे ईवी पारिस्थितिकी तंत्र को लाभान्वित करती है। उन्होंने कहा कि कहा कि ग्रीन मोबिलिटी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स एक्सपो चण्डीगढ़ में उत्तर भारत का पहला एक्सपो है, जो लोगों को ई- मोबिलिटी की ओर बढ़ावा देगा। एक्सपो में कमर्शियल वाहनों के इलेक्ट्रॉनिक मॉडल एक अच्छी शुरुआत है। प्रदेश के गुरुग्राम व फरीदाबाद जैसे मेट्रो शहरों में भी इस तरह के एक्सपो लगाए जाएगे ताकि लोग ग्रीन मोबिलिटी की ओर बढ़े।
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उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा गुरुग्राम और फरीदाबाद को मॉडल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (ईएम) शहरों के रूप में विकसित कर रहा है, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने और ई-मोबिलिटी और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को 100 प्रतिशत हासिल करने के लिए चरणबद्ध लक्ष्य हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा को पूरे देश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में टॉप अचीवर के साथ-साथ विभिन्न राज्यों में ईज ऑफ लॉजिस्टिक्स में एचीवर के रूप में स्थान दिया गया है। इन राष्ट्रीय रैंकिंग से पता चलता है कि हरियाणा में इलेक्ट्रिक वाहन और सहायक निर्माताओं और निर्यातकों के लिए अनुकूल माहौल है।
उन्होंने कहा कि भारत में तिपहिया सबसे लोकप्रिय इलेक्ट्रिक वाहन हैं, इसके बाद दोपहिया और वाणिज्यिक वाहन आते हैं। इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने के लिए बैटरी उद्योग का विस्तार, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और स्थानीय स्तर पर सप्लाई चेन महत्वपूर्ण हैं।
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