Lok Sabha Elections- लोकसभा चुनाव की तैयारियां राजनीतिक दलों ने युद्ध स्तर की तरह शुरू कर दी हैं.यूपी में चुनावी सरगर्मियां चरम सीमा पर है.क्योकि यूपी से सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीटें हैं इसलिए सभी राजनीतिक दलों की निगाहें उत्तर प्रदेश राज्य पर टिकी हुई हैं और इस बार तो भाजपा ने उत्तर प्रदेश की 80 सीटों पर जीत हासिल करने का लक्ष्य रखा हैं. उत्तर प्रदेश की कई ऐसी लोकसभा (Lok Sabha Elections) सीटें हैं जो उम्मीदवार के चयन से लेकर परिणाम आने तक चर्चा में बनी रहती हैं। उन्हीं खास और चर्चित सीटों में उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट भी शामिल है।
रायबरेली कांग्रेस का कई वर्षों से गढ़ रहा है। इस सीट से गांधी परिवार लंबे समय से चुनाव लड़ता रहा है। कांग्रेस यहां से 17 बार चुनाव जीत चुकी है। कांग्रेस की दिग्गज नेता और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी 2004 से यहां से लगातार सांसद हैं।पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी रायबरेली से सांसद रहीं थीं। इतनी वीआईपी सीट होने के बावजूद इलाके के मतदाताओं की कुछ शिकायतें अब भी बनी हुई हैं.रायबरेली की सियासत की जानकारी रखने वालों का मानना है कि इस बार प्रियंका गांधी यहां से चुनाव लड़ सकती हैं। ये अलग बात है कि पहली लिस्ट में राहुल गांधी की सीट तो घोषित कर दी गई है लेकिन रायबरेली पर फैसला नहीं लिया गया है।
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राजनीति से इतर रायबरेली की जनता चाहती है कि बेरोजगारी, महंगाई और महिला सुरक्षा जैसी परेशानियों से जल्द निजात मिल जाए.वही कुछ लोगों को कहा कि यूपीए सरकार में शुरू की गई योजनाओं को एनडीए सरकार ने आगे नहीं बढ़ाया. औक न ही कुछ काम कराए. हमें तो बस इतना चाहिए कि जो बेरोजगारी ,महंगाई तमाम परेशानी को दूर कर सकें.और साथ ही एक और निवासी ने कहा कि हम लोगों की असुविधा है वो सड़क है। आज भी शहर की सड़कें टूटी हुईं हैं। अब अव्यवस्थित हैं जब गांव से शहर आते हैं तो शहर की जो सड़कें हैं वो टूटी हुई मिलती हैं। जब कोई नेता कोई मिनिस्टर जब आता है तो शहर की सड़कें दिखाई पड़ती है कुछ वो गड्डे मुक्त कर दी गई हैं। नहीं तो सड़कें जो हैं सबमें गड्डे ही गड्डे दिखाई पड़ते हैं।
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विश्लेषक गौरव अवस्थी का कहना है कि प्रियंका अगर दावेदार हो गईं तो मुकाबला जैसा हमने कहा कि बहुत रोचक होगा नया चेहरा होगा। और 20 साल की नुमाइंदगी है सोनिया गांधी जी की यहां के लोगों ने उनके काम को देखा है नाम से तो वो आजादी से पहले से जुड़े हुए हैं। तो हमें नहीं लगता कि कोई सामान्य प्रत्याशी प्रियंका जी को..दे सकता है। भाजपा का।
विश्लेषक शिव मनोहर पांडे का कहना है कि यहां पर जो कांग्रेस के जमाने में दिए गए प्रोजेक्ट्स हैं उनको काफी धीमा किया गया है। जैसे एम्स में 900 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था यूपीए सरकार में अभी तक आपने 823 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। 900 बेड्स का अस्पताल बनना था 720 का कर दिया गया है। तो ये भाजपा के खिलाफ चीजें जाएगीं चुनाव में।
उत्तर प्रदेश में लोकसभा की कुल 80 सीट हैं। पिछले चुनावों में कांग्रेस को केवल रायबरेली में ही जीत मिली थी लेकिन इस बार रायबरेली में क्या होगा.. कोई नहीं जानता।