लोक सभा अध्यक्ष, ओम बिरला ने मेक्सिको में स्वतंत्रता सेनानी, डॉ. पांडुरंग खानखोजे की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया।

(प्रदीप कुमार):  लोक सभा अध्यक्ष, ओम बिरला, जो मेक्सिको में एक भारतीय संसदीय शिष्टमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं, ने आज मेक्सिको में चापिंगो विश्वविद्यालय में स्वतंत्रता सेनानी, डॉ. पांडुरंग खानखोजे की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए, स्पीकर बिरला ने इस बात का उल्लेख किया कि डॉ. पांडुरंग खानखोजे एक उत्कृष्ट भारतीय क्रांतिकारी, विद्वान, कृषि वैज्ञानिक और राजनेता थे, जो ग़दर पार्टी के संस्थापकों में से एक थे। मैक्सिको में कृषि क्षेत्र में उनके योगदान से इस क्षेत्र में खुशहाली आए और लाखों लोगों के जीवन में सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन आया। स्पीकर बिरला ने कहा कि डॉ. खानखोजे भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत हैं जिनका नाम मेक्सिको की विकास यात्रा के साथ जुड़ा रहेगा।

स्पीकर बिरला ने आगे कहा कि ऐसे समय में, जब डॉ. खानखोजे जैसे शहीदों को याद किया जा रहा है और भारत में उनकी जीवन यात्रा को प्रेरणास्रोत के रूप में लोकप्रिय बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं, हमने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करके हमने उनकी स्मृति को भारत और मैक्सिको के लोगों के लिए हमेशा के लिए यादगार बना दिया है।

स्पीकर बिरला ने मेक्सिको में चापिंगो विश्वविद्यालय का दौरा भी किया। यह लैटिन अमेरिका का सबसे पुराना कृषि विश्वविद्यालय है। माननीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री, डॉ. विक्टर विलालोबोस और विश्वविद्यालय के रेक्टर, डॉ. जोस रामिरेज़ ने श्री बिरला को कृषि विश्वविद्यालय के कामकाज के बारे में जानकारी दी। गणमान्य व्यक्तियों के बीच दोनों देशों में कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों में व्यापार के विस्तार और इन क्षेत्रों में नवाचारों का लाभ उठाने के बारे में चर्चा हुई ।बाद में, स्पीकर बिरला ने मेक्सिको में चैंबर ऑफ डेप्युटीज के प्रेसिडेंट, महामहिम सैंटियागो क्रील से मुलाक़ात की। गर्मजोशी भरे और सौहार्दपूर्ण माहौल में विशिष्टजनों के बीच पारस्परिक महत्व के कई मामलों पर चर्चा हुई । स्पीकर बिरला ने टिप्पणी की कि भारत और मैक्सिको के बीच ऐतिहासिक घनिष्ठ संबंध हैं और मेक्सिको 1947 में भारत को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देने वाला पहला देश था। इस बात का स्मरण करते हुए कि भारत की खोज पर निकले अभियान के फलस्वरूप मेक्सिको की खोज हुई और आधुनिक दुनिया को इसके बारे में पता चला, स्पीकर बिरला ने कहा कि तब से दोनों देशों के बीच व्यापार, अर्थव्यवस्था और संस्कृति के क्षेत्र में संबंध मजबूत होते गए हैं। स्पीकर बिरला ने कहा कि दोनों देश दुनिया में संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को भी साझा कर रहे हैं।

 

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भारत में लोकतांत्रिक साधनों के माध्यम से सफलतापूर्वक शासन किए जाने का उल्लेख करते हुए, स्पीकर बिरला ने कहा कि भारतीय संसद भारत के लोगों की इच्छा और आकांक्षाओं का प्रतीक है। यह टिप्पणी करते हुए कि भारत की संसद लोगों के जीवन में तेजी से सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन लाने के लिए लगातार काम कर रही है, उन्होंने बताया कि सार्वजनिक महत्व के मामलों को सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों दलों के सदस्यों द्वारा संसद में उठाया जाता है। स्पीकर बिरला ने यह भी कहा कि मतभिन्नताएँ होते हुए भी जनकल्याण के मुद्दों पर आम सहमति होती है । उन्होंने आगे कहा कि संसदीय समितियां कार्यपालिका की जवाबदेही सुनिश्चित करने के प्रभावी तंत्र के रूप में कार्य कर रही हैं।

यह टिप्पणी करते हुए कि भारत और मेक्सिको की सभ्यता और संस्कृति के बीच उल्लेखनीय समानताएं हैं, श्री बिरला ने दोनों देशों के बहु-जातीय और बहु-धार्मिक समाजों में सद्भाव और भाईचारे की सराहना की। उन्होंने इस बात का उल्लेख भी किया कि दोनों संसदों ने 10 समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे हम पर द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की एक बड़ी जिम्मेदारी है । श्री बिरला ने 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा कि इस संबंध में कार्ययोजना तैयार है।

स्पीकर बिरला ने मेक्सिको की संसद का दौरा भी किया जहां उन्हें मैक्सिकन संसद के कामकाज के बारे में जानकारी दी गई। श्री बिरला को भारत और मेक्सिको की लोकतांत्रिक परंपराओं के बीच कई समानताएं दिखाई दीं। श्री बिरला ने कहा कि “इससे मेरे विश्वास की पुष्टि हुई है कि संसद वाद-विवाद और चर्चा तथा नीति निर्माण का मंच है जिसके माध्यम से जन कल्याण होता है। कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति को हमारे कानूनों और नीतियों से लाभान्वित होना चाहिए” ।

स्पीकर बिरला ने मेक्सिको सिटी के चापुल्टेपेक पार्क में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर श्री बिरला ने कहा कि भौगोलिक सीमाओं और समय की सीमा से परे महात्मा गांधी की शिक्षाएं 21वीं सदी में भी समानता, न्याय, शांति और सद्भाव के सिद्धांतों पर निर्मित दुनिया की स्थापना में हमारा मार्गदर्शन कर रही हैं।

इससे पहले, स्पीकर बिरला ने मैक्सिको की संसद के परिसर में भारत-मेक्सिको मैत्री उद्यान का उद्घाटन किया। इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए, स्पीकर बिरला ने कहा कि यह ऑर्गेनिक फ्रेंडशिप गार्डन भारत और मैक्सिको के बीच मित्रता के मजबूत बंधन का जीवंत प्रतीक है। श्री बिरला ने आशा व्यक्त की कि भारत-मेक्सिको मैत्री उद्यान, जो दोनों देशों के बीच संबंधों की जीवंतता का प्रतीक है, से लोकतंत्र की ऊर्जा और विशेषता पूरी दुनिया में फैलेगी। यह मैत्री उद्यान दोनों देशों के नागरिकों के बीच घनिष्ठ संबंध का प्रतीक बना रहेगा। स्पीकर बिरला ने यह विश्वास भी व्यक्त किया कि भारत और मेक्सिको के संबंध इस उद्यान के फूलों की तरह फलते-फूलते रहेंगे।

 

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