Mirror Checking: शीशा देखना हमारी दैनिक जीवन की एक आम आदत है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बार-बार शीशा देखना एक बीमारी का लक्षण भी हो सकता है? जी हां, यह सच है! इस बीमारी को बॉडी डिस्मॉर्फिक डिसऑर्डर (BDD) कहा जाता है, जिसमें व्यक्ति अपने शरीर को लेकर अत्यधिक चिंतित रहता है। यह चिंता इतनी अधिक हो सकती है कि व्यक्ति बार-बार शीशा देखने लगता है और अपने शरीर के उस हिस्से को देखने की कोशिश करता है।
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बता दें, ये मिरर चेंकिंग व्यक्ति के जीवन को पूरी तरह से प्रभावित करने लगता है। धीरे-धीरे व्यक्ति हर किसी से कटने लगता है। दोस्तों से दूरी परिवार वाले से अलग रहना, किसी के पास न बैठना उसे समाज से अलग कर देता है। ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि व्यक्ति को ऐसा लगने लगता है कि उसके अंदर कई शारीरिक खामिंया हैं।
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बीडीडी के लक्षणों की बात करें तो ऐसे लोग दिन में बार-बार शीशा देखते रहते हैं। अपने शरीर पोस्चर, स्कीन को लेकर अत्यधिक चिंतित रहने लगते हैं। बार-बार खुद को शीशे में देखकर खुद को कोसते हैं। जो भी हिस्सा उन्हें बेकार लगता है, अपने शरीर के उस हिस्से को छुपाने की कोशिश करना। अपने शरीर के उस हिस्से को लेकर अत्यधिक आलोचनात्मक रहना। गौरतलब है कि यदि आप इनमें से किसी भी लक्षण को अपने आप में देखते हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। बीडीडी का इलाज संभव है, लेकिन इसके लिए समय पर डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है।