Harish Rawat– उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गुरुवार को कहा कि उत्तराखंड के लोग सुरंग में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। हरीश रावत ने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे श्रमिक राज्य के विकास के लिए आए हैं, ऐसे में उनका जीवन बचाना उत्तराखंड के लोगों का फर्ज है।..Harish Rawat
हरीश रावत ने कहा कि उन्होंने सीएम धामी को टनल से जुड़ी परियोजनाओं में ज्यादा सावधानी बरतने की सलाह दी है क्योंकि उत्तराखंड एक नाजुक क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि ऐसी अफवाहें हैं कि सुरंग परियोजना उत्तराखंड के विकास को बढ़ावा देगी, लेकिन ऐसा नहीं है। हरीश रावत ने कहा कि मुख्य जिम्मेदारी राज्य की ईकोलॉजी की रक्षा करना है।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, उत्तराखंड ने कहा कि “हम सब लोगों के, सारे उत्तराखंड के लोगों के, जिसमें सत्ता और विपक्ष सब लोग सम्मलित हैं, हाथ जुड़े हुए हैं, वो श्रमिक हमारे राज्य के विकास के लिए आए हैं, उनका जीवन बचाना हमारा फर्ज है। मैंने एक बार मुख्यमंत्री जी को भी सलाह दी थी कि माननीय मुख्यमंत्री जी, इन टनल्स के विषय में हमको थोड़ा सा अपने जोश को नियंत्रित रखना पड़ेगा क्योंकि उत्तराखंड बड़ा फ्रेजाइल हिमालयाज है, बहुत नाजुक हिमालयाज है, तो इसमें हमको किस सीमा तक क्या ड्रिलिंग, उसकी बचत के क्या उपाय हैं, सब चीजों को लास्ट तक, जब तक सारा अनुमान न लगा लें, तब तक इन चीजों में जोश नहीं दिखाया जा सकता, और वैसे भी इससे जो बड़ा भ्रम फैलाया जा रहा है कि इससे उत्तराखंड के विकास को बड़ा योगदान मिलेगा, ऐसा कुछ नहीं है। टनल आखिर, टनल बनेगी तो बहुत से हमारे लोगों की आजीविका भी तो छिनेगी, जो सड़कें हैं हमारी और बहुत सारी चीजें, और बहुत सारे सवाल हैं, फिर हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी, हमारी राष्ट्रीय जिम्मेदारी है,वो है हमारी ईकोलॉजी की फ्रेजाइलनेस, उसको बनाए रखना, उसकी सुरक्षा करना, हमारे लिए भी और देश के लिए भी।
Read also-Dunki Budget:’डंकी’ ने रिलीज से बनाया रिकॉर्ड! बनीं शाहरुख खान की 6 साल में सबसे कम बजट वाली फिल्म
“वहीं पर टनल बनाई जानी चाहिए जहां टनल बहुत सेफ है, ईकोलॉजिकली लेस हार्मफुल हो, और बेनिफिट बहुत ज्यादा हों। अभी जितनी बड़ी-बड़ी टनल बनाई जा रही हैं, मैं रेलवे प्रोजेक्ट जो है ऋषिकेश-कर्णप्रयाग, कांग्रेस के समय में शुरू हुआ था राष्ट्रीय प्रोजेक्ट के रूप में, लेकिन तब टनल की बात इतनी अंधा-धुंध नहीं थी, आज टनल में आप पूरी ट्रेन गुजार रहे हैं,उसी तरह से आज ऐसा लग रहा है जैसे- ओम टनल देवाय नम: कह रहा हो। हम शिव का उच्चारण करने के बजाय, शिवभक्ति के बजाय टनल भक्ति में लगे हुए हैं। मैं इसका बहुत हामी नहीं हूं। मैं इस विषय में सावधानीपूर्वक कदम उठाने का हामी हूं।
बुधवार शाम को मलबे के माध्यम से स्टील के पाइपों की ड्रिलिंग में उस समय बाधा आ गई जब लोहे की कुछ छड़ें ऑगर मशीन के रास्ते में आ गईं। हालांकि, अधिकारियों को उम्मीद है कि बचाव अभियान गुरुवार सुबह आठ बजे तक पूरा हो जाएगा।