Silent Heart Attack: पिछले कुछ सालों से हार्ट अटैक के मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी देखने के मिली है। हार्ट अटैक के मरीजों की अचानक मौत हो जाती है, इसका कारण ये है कि हार्ट अटैक के लक्षणों के बारे में लोगों को जानकारी नहीं होती है। बावजूद इसके अगर समय पर इंसान का इलाज हो जाए उसकी जान बचाई जा सकती है। हार्ट अटैक अपने आप में एक खतरनाक बिमारी है लेकिन क्या आपको पता है कि नॉर्मल हार्ट अटैक से ज्यादा खतरनाक साइलेंट हार्ट अटैक होता है। आइए जानतें हैं कि साइलेंट हार्ट अटैक इतना खतरनाक क्यों होता है और इसके लक्षण क्या हैं।
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क्यों होता है साइलेंट हार्ट अटैक इतना खतरनाक?- दरअसल, साइलेंट हार्ट अटैक इसलिए भी ज्यादा खतरनाक होता है क्योंकि इसके लक्षण ना के बराबर महसूस होते हैं। ये बीमारी ज्यादातर महिलाओं में देखे जाते हैं, इसका कारण उनका स्ट्रेस लेना होता है, जिस वजह से उन्हें इस बीमारी का सामना करना पड़ता है। साइलेंट हार्ट अटैक का शिकार कोई इंसान तब हो सकता हैं जब वो सो रहे हो, तब उसे दिल का दौरा पड़ सकता है। या फिर तब हो सकते हैं जब कोई तुरंत किसी अत्यंत शारीरिक या भावनात्मक स्थिति से गुजर रहा हो।
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लक्षण- लक्षण की बात करें तो जिन लोगों को साइलेंट हार्ट अटैक होता है, उनमें कोई लक्षण नहीं होते या बहुत ही हल्के लक्षण होते हैं। जिस प्रकार दिल के दौरे से संबंधित नॉर्मल हार्ट अटैक के लक्षण देखे जाते हैं उस तरह से साइलेंट हार्ट अटैक के कोई लक्षण नहीं होते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक साइलेंट हार्ट अटैक के मरीजों को शायद दिल का दौरा महसूस ही नहीं होता।
बता दें, जब कोई इंसान साइलेंट हार्ट अटैक का शिकार होता है उसे महसूस होता है कि वो बीमार है। उसकी छाती या पीठ के ऊपरी हिस्से की मांसपेशियों में दर्द होता है। साथ ही जबड़े, बांहों या पीठ के ऊपरी भाग में भी दर्द होने लगता है। थकावट महसूस होने लगती है। वाकई में ये लक्षण आम लक्षण हैं शायद इसी कारण लोगों को साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण का अंदाजा नहीं होता है।
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