Antidepressants: अगर आप भी हैं डिप्रेशन के शिकार तो हो जाएं सावधान, ये दवा ले सकती है आपकी जान

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Antidepressants: थोड़ी-थोड़ी दिक्कत होने पर दवाइओं का सेवन आपके सेहत पर बुरा असर डाल सकता है। लेकिन उत्तर प्रदेश के लोगों को इसका खतरा ज्यादा सता है, क्योंकि वहां पहले अल्प्राजोलम की टैबलेट और अब डिप्रेशन की नकली दवा बनाने वाली फैक्ट्री का ही भांडाफोड़ हो गया है। इस तरह के नकली दवाओं के सेवन से लोगों के सेहत पर काफी बुरा प्रभाव पड़ रहा है और लोग अनेकों प्रकार के बीमारीयों के शिकार हो रहे हैं।

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नकली दवा बनाने वाली फैक्ट्री का भांडाफोड़- दरअसल, पिछले साल अल्प्राजोलम की 68,00 टैबलेट पकड़ी गई थी, जिनकी कीमत 2 करोड़ से अधिक थी। लेकिन इस बार स्पेशल सेल ने डिप्रेशन की नकली दवा बनाने वाली अवैध फैक्ट्री को ही पकड़ लिया है। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने कहा कि पाम वाइन यानी ताड़ी को डायजेपाम मिलाकर पीया जाता था। इसके बाद उसकी ताड़ी की बिक्री काफी बढ़ी। फिर खुले तौर पर डायजेपाम बेचने पर रोक लगा दी गई। तब एक साल पहले अल्प्राजोलम को ताड़ी में मिलाने का निर्णय लिया, जिससे उसकी बिक्री फिर से बढ़ी। तब से नकली डिप्रेशन दवाओं का उत्पादन होने लगा।

ब्रेन के न्यूरोसिस्टम को करता है प्रभावित- बता दें, अल्प्राजोलम डिप्रेशन को दूर करने में प्रभावी होता है। लेकिन एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस तरह की नकली दवाइयां दिमाग पर गहरा असर डालती हैं और ब्रेन के न्यूरोसिस्टम को भी प्रभावित करती हैं। खासकर मेंटल मरीजों को इससे खतरा ज्यादा होता है क्योंकि इस दवा को लेने के बाद वे शांत होकर सो तो जाते है लेकिन उनके ब्रेन पर इसका बुरा असर पड़ने लगता है।

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डिप्रेशन की दवा लेने वाले लोग नहीं होते उत्साहित-  शोधकर्ताओं ने पाया कि एंटी डिप्रेशन की दवा लोगों को कुंद बना सकती है। डिप्रेशन की दवा लेने वाले इंसान की भावनाएं प्रभावित होने लगती हैं, उन्हें किसी भी चीज से खुशी महसूस नहीं होती है। वह अपनी सभी भावनाओं को अंदर ही दबा देता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि एंटी डिप्रेशन ड्रग्स सेरोटोनिन हार्मोन को बढ़ाते हैं, जो कई दुष्प्रभावों का कारण हो सकता है। ऐसे लोग किसी भी चीज के लिए उत्साहित नहीं रहते हैं, उनका दिमाग चीजों को सही तरह नहीं पहचानता है। विशेषज्ञों का मानना है कि नकली डिप्रेशन की दवा दिमाग पर घातक प्रभाव डाल सकती है।

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