सुशासन दिवस के अवसर पर सीएम खट्टर ने क्या की घोषणा

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अनिल कुमार- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी और महान स्वतंत्रता सेनानी महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती के उपलक्ष्य में सुशासन दिवस के अवसर पर घोषणा करते हुए कहा कि वर्ष 2023 को अंत्योदय आरोग्य वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। सरकार का प्रयास अंत्योदय परिवारों को निरोगी, स्वस्थ रखने का रहेगा।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सुशासन दिवस के अवसर पर पंचकूला में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में उपस्थितजनों और प्रदेशभर में 6500 स्थानों पर हो रहे कार्यक्रमों में उपस्थित जन समूह को वर्चुअली संबोधित किया।इस मौके पर मुख्यमंत्री ने स्वचालित राशन कार्ड योजना, मुफ्त पासपोर्ट योजना, जमाबंदी की ऑनलाइन फर्द, एचपीएससी मांग पोर्टल, नागरिक सुविधा केंद्र, वर्क्स शिकायत निवारण प्रणाली का शुभारंभ भी किया।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विभिन्न विभागों को 22 सुशासन पुरस्कार भी प्रदान किए। विभिन्न विभागों में सरकारी सेवा के दौरान डिजीटली माध्यम से कार्य को सरल करने पर मुख्यमंत्री ने 118 अधिकारियों व कर्मचारियों को सम्मानित किया। इनमें गुड गवर्नेंस के लिए ‘स्टेट लेवल अवार्डस’ तथा ‘स्टेट फ्लैगशिप स्कीम अवार्डस’ शामिल हैं। पंचकूला में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम के दौरान पुरस्कार विजेताओं को पुरस्कार उनके संबंधित विभागों में डिजिटल सुधार लाने और लोगों को समयबद्ध व परेशानी मुक्त तरीके से नागरिक केंद्रित सेवाओं के वितरण के लिए ई-गवर्नेंस को लागू करने के लिए दिये गए हैं।

अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों व कर्मचारियों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट में जनता की भी राय होनी चाहिए कि कौन अधिकारी व कर्मचारी सही ढंग से कार्य कर रहे हैं या नहीं। लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि होती है और जनता ही जन प्रतिनिधियों को चुनती है, इसलिए इनकी राय भी सरकारी तंत्र में ली जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकारी कामकाज और विकास कार्य सही ढंग व सुचारू रूप से हों, इसके लिए सोशल ऑडिट के माध्यम से जन भागीदारी भी होनी चाहिए। जनता यदि विकास कार्यों पर निगरानी रखेगी तो निश्चित तौर पर कार्यों की गुणवत्ता अच्छी होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बीपीएल सूची अपडेट होने से कई व्यक्ति इस सूची से बाहर भी हुए हैं। इस बात को अन्यथा मत लें, क्योंकि उन्होंने स्व रोजगार या अन्य रोजगार प्राप्त कर गरीबी रेखा से उपर उठे हैं, इसलिए उन्हें इस बात पर गर्व होना चाहिए कि वे किसी ऐसे व्यक्ति के लिए अपना कार्ड छोड़ रहे हैं, जिसके घर में राशन की कमी के कारण कभी कभी भोजन भी नहीं बन पाता। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों में नैतिकता की भावना होनी चाहिए। इसलिए नैतिक मूल्यों पर सरकारी कार्यालयों में विशेष फोकस किया जाना चाहिए, क्योंकि जनता अपने कामों के लिए सरकारी कार्यालयों में आती है, इसलिए उनके साथ नैतिक भाव से ही पेश आएं। मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि आज 8 जिलों में 177 अनियमित कॉलोनियों को नियमित किया गया है।

 

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उन्होंने कहा कि ऐसी अनियमित कॉलोनियों को नियमित करने के लिए राज्य सरकार ने 2 वर्ष पहले आवेदन मांगे थे और सर्वे करने के बाद 845 ऐसी कॉलोनियों की पहचान की गई। इन कॉलोनियों में अस्थाई रूप से रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन भी बनाई गई, ताकि वहां आवश्यक कार्य करवाए जा सकें। इन्हीं कॉलोनियों में से आज 177 अनियमित कॉलोनियों को नियमित किया गया है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सोनीपत को नई पुलिस कमिश्नरी बनाने तथा अलग से पुलिस एनफोर्समेंट विंग के गठन की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस का कार्य प्रदेश में कानून एवं व्यवस्था को बनाए रखने के साथ साथ अन्य कार्य जैसे खनन, सिंचाई, बिजली, अवैध कब्जों को हटाना इत्यादि भी उनके कार्य क्षेत्र में आते हैं। इसलिए अब राज्य सरकार ने अलग से पुलिस एनफोर्समेंट विंग का गठन करने का निर्णय लिया है। इसके थाने भी अलग होंगे और इसके संचालन के लिए अलग से एडीजीपी, एनफोर्समेंट पद भी सृजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी तक प्रदेश में केवल 3 गुरुग्राम, फरीदाबाद और पंचकूला ही पुलिस कमिश्नरी थी। अब सोनीपत को मिलाकर कुल 4 पुलिस कमिश्नरी हो गई हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के ‘सबके लिए स्वास्थ्य’ के विजन को साकार करने के लिए पिछले 8 वर्षों से समर्पित प्रयास किए जा रहे हैं। अब इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए वर्ष 2023 के दौरान स्वास्थ्य ढांचे को और मजबूत करने के साथ-साथ डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने पर फोकस किया जाएगा। इसके अलावा, योग और आयुर्वेद को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सुशासन की दिशा में आगे बढ़ते हुए अब हमारा शासन स्मार्ट अर्थात सिंपल, मोरल, अकाउंटेबल, रिस्पांसिबिलिटी और ट्रांसपेरेंट होना चाहिए। अधिकारियों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपना काम समर्पित रूप से करें ताकि जनता को नागरिक केंद्रित सेवाओं की पेपरलेस और फेसलेस डिलीवरी सुनिश्चित की जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वे सुशासन को केवल शब्दों और नारों तक सीमित नहीं रखते, बल्कि सुशासन को एक साल की लंबी यात्रा के रूप में परिभाषित करते हैं, जिसका उद्देश्य अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति का उत्थान करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 में जब हरियाणा ने सीएम विंडो के शुभारंभ के साथ सुशासन समारोह की शुरुआत की थी और तब से राज्य सरकार ने जन कल्याणकारी योजनाओं और सेवाओं को आम लोगों तक परेशानी मुक्त वितरण सुनिश्चित करने के लिए व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन किए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के कामकाज में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सरकारी अधिकारियों के कामकाज की निगरानी के लिए सीएम डैशबोर्ड पहले ही स्थापित किया जा चुका है। डिजिटल हरियाणा के लक्ष्य को हासिल करने के लिए और आईटी सुधार लाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में शुरू की गई चिरायु योजना के तहत अब तक 80 लाख लोगों का पंजीकरण किया जा चुका है। आज सुशासन दिवस पर, पात्र लाभार्थियों को लगभग 8 लाख चिरायु कार्ड वितरित किए जा रहे हैं। इसके अलावा अब तक 5800 लाभार्थियों ने इस योजना का लाभ उठाया है, जिसपर 11 करोड़ रुपये का खर्च आया है। इसके अलावा, निरोगी हरियाणा के तहत लगभग 80,000 लाभार्थियों का चिकित्सा परीक्षण किया जाना है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वर्ष 2023 का कैलेंडर और मैनुअल प्रक्रिया नियमावली का भी विमोचन किया।

 

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