दिल के खुले राज! दिल के पास भी है अपना एक दिमाग…

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Study on Heart: ये कहावत तो आपने सुनी ही होगी की दिल की नहीं दिमाग की सुनों आपको ये पता चले कि दिल के पास भी अपना एक दिमाग होता है तो शायद आप सोचने पर मजबूर हो जाएं। हाल ही में हुई एक स्टडी में यह पता चला है कि दिल के पास भी अपना एक दिमाग होता है, जो अपनी मर्जी का मालिक होता है। यह दिमाग दिल के कार्यों को नियंत्रित करता है और यह तय करता है कि दिल कैसे काम करेगा।

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दिल पर हजारों शायरियां तो सुना होगा आपने अब कुछ और भी जान लेते हैं। दरअसल, दिल 9 cm चौड़ा और 13 cm लंबा होता है। दिल शरीर में ब्लड धकेलता है और पंप करता है। दिल में चार से पांच हजार न्यूरॉन्स होते हैं, जो उसे धड़कने और ब्लड सर्कुलेशन में मदद करते हैं। ब्रेन को पहले शरीर का नियंत्रण और हर अंग को आदेश देने का अधिकार माना जाता था। लेकिन दिल अपनी इच्छा पर नियंत्रण करता है।

बता दें, दिल पर की गई स्टडी में शोधकर्ताओं ने पाया कि दिल के पास एक विशेष प्रकार की कोशिकाएं होती हैं, जो न्यूरॉन्स की तरह काम करती हैं। ये कोशिकाएं दिल के कार्यों को नियंत्रित करती हैं और यह तय करती हैं कि दिल कैसे काम करेगा। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि दिल का दिमाग मस्तिष्क के साथ जुड़ा हुआ है और यह दोनों एक दूसरे के साथ संवाद करते हैं। यह संवाद दिल के कार्यों को नियंत्रित करने में मदद करता है और यह तय करता है कि दिल कैसे काम करेगा।

स्टडी के अनुसार दिल में इंट्रिंसिक कार्डिएक नर्वस सिस्टम है, जो दिमाग की तरह काम करता है। जिससे दिमाग न सिर्फ मैसेज लगातार भेजता रहता है, बल्कि उन्हें मानता भी है। शोधकर्ताओं ने जेब्राफिश दिल की जांच की, जो इंसान के दिल की तरह बना है और कैसे काम करता है। सिनोट्रियल प्लेक्सस (SAP), हार्ट का पेसमेकर, प्रमुख था। वैज्ञानिकों ने विभिन्न न्यूरॉन्स की खोज की। दिल की धड़कनों को नियंत्रित करने वाले न्यूरोट्रांसमीटर, जैसे एसिटाइलकोलाइन, ग्लूटामेट और सेरोटोनिन, इन न्यूरॉन्स द्वारा काम करते हैं।

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यह प्रणाली दिल को शरीर की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करती है। दिल ठीक से धड़कता रहे, इसके लिए दिल ब्रेन होना बहुत महत्वपूर्ण है। दिल का दिमाग, हालांकि, विचार करने में सक्षम नहीं है। न्यूरॉन्स से बनाइंट्रिंसिक कार्डिएक नर्वस सिस्टम लगभग कंप्यूटर चिप की तरह काम करता है। एक अध्ययन ने पाया कि इंट्रिंसिक कार्डिएक नर्वस सिस्टम में फंक्शन होते रहते हैं, शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म स्मृति की तरह। तो अब दिल को कम न समझिएगा दिल के पास अपना दिमाग है ये याद रखिएगा।

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