ट्रक ड्राइवरों के खिलाफ ऐसा कठोर कानून तब लाया गया जब विपक्ष के 150 से ज्यादा सांसद निलंबित थे : कांग्रेस

दिल्ली- नए साल पर सड़क दुर्घटना को लेकर लागू हुए नए कानून के विरोध में देशभर में ट्रांसपोर्टरों ने हड़ताल कर अपनी नाराजगी जाहिर की है। ट्रक और टैंकरों के चक्का जाम के कारण देशभर में पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल-डीजल की किल्लत देखने को मिली। सरकार से मिले आश्वासन के बाद फिलहाल हिट एंड रन के नए कानून के विरोध में ट्रांसपोर्टरों और ट्रक डाइवरों ने अपनी हड़ताल को वापस ले लिया है। वहीं इस मामले पर देश की सियासत भी गरमाई हुई है और विपक्ष लगातार सरकार को निशाने पर ले रहा है। राहुल गांधी भी देशभर में ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल और उनके विरोध का समर्थन कर चुके हैं।

हिट एंड रन के नए कानून के विरोध में ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमला बोल ट्वीट किया कि “मोदी सरकार मेहनतकश ट्रक ड्राइवरों के खिलाफ एक ऐसा कठोर कानून लेकर आई है, जिसके परिणाम बेहद घातक हो सकते हैं। यह कानून तब लाया गया जब विपक्ष के 150 से ज्यादा सांसद निलंबित थे। इसलिए न विपक्ष से कोई चर्चा हुई, न कोई सवाल पूछा गया। साथ ही कृषि कानून की तरह इस बार भी प्रभावित वर्ग से चर्चा नहीं की गई। उनपर कानून थोप दिया गया। शहंशाह का यह फरमान लोकतंत्र की आत्मा को मारने की साजिश है, जिसका मकसद संगठित भ्रष्टाचार को बढ़ावा देकर ‘वसूली तंत्र’ को मजबूत करना है। इस तानाशाही फरमान ने फिर साबित कर दिया कि PM मोदी गरीबों के लिए नहीं, सिर्फ पूंजीपतियों के लिए काम करते हैं।”

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इसके अलावा नए कानून का विरोध करने वाले ड्राइवरों के समर्थन में राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर लिखा कि “बिना प्रभावित वर्ग से चर्चा और बिना विपक्ष से संवाद के कानून बनाने की ज़िद लोकतंत्र की आत्मा पर निरंतर प्रहार है। जब 150 से अधिक सांसद निलंबित थे, तब संसद में शहंशाह ने भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़, ड्राइवर्स के विरुद्ध एक ऐसा कानून बनाया जिसके परिणाम घातक हो सकते हैं। सीमित कमाई वाले इस मेहनती वर्ग को कठोर कानूनी भट्टी में झोंकना उनकी जीवनी को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। और साथ ही, इस कानून का दुरुपयोग संगठित भ्रष्टाचार के साथ ‘वसूली तंत्र’ को बढ़ावा दे सकता है। लोकतंत्र को चाबुक से चलाने वाली सरकार ‘शहंशाह के फरमान’ और ‘न्याय’ के बीच का फर्क भूल चुकी है।”

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