सराय काले खां रैन बसेरा में रह रहे लोगों के पुनर्वास पर सुप्रीम कोर्ट करेगा 22 फरवरी को सुनवाई

Supreme Court Important Hearing, सुप्रीम कोर्ट में आज का दिन है अहम, देश के ...

(अवैस उस्मानी): दिल्ली के सराय काले खां इलाके में रैन बसेरा हटाने रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा की वहां पर कार्रवाई पूरी हो चुकी है, ऐसे में अब इसे रोकने पर सुनवाई की जरूरत नहीं है। रैन बसेरा हटने से विस्थापित हुए लोगों के पुनर्वास पर सुप्रीम कोर्ट 22 फरवरी को सुनवाई करेगा। वकील प्रशांत भूषण ने मामले में जल्द सुनवाई की मांग किया था। दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) के आदेशों के तहत दिल्ली के सराय काले खां में रैन बसेरों को हटाया गया है।

सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि रैन बसेरे को हटाने की कार्रवाही पूरी हो चुकी है ऐसे में मामला अब सुनवाई योग्य नहीं रह गया है। हालांकि जस्टिस रॉय की पीठ ने कहा कि वहां रह रहे लोगो के पुनर्वास के मुद्दे पर सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने वकील प्रशांत भूषण को मामले में शनशोधित याचिका दखिल करने को कहा।

सराय काले खां में रैन बसेरा को हटाने का मामले में वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के सामने मेंशनिंग करते हुए मामले में जल्द सुनवाई करने की मांग किया। CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि मामला जस्टिस रवींद्र भट्ट और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ के समक्ष लिस्ट है। प्रशांत भूषण ने कोर्ट को बताया कि जस्टिस भट्ट बैठे नहीं हैं। जिसके बाद मुख्य न्यायधीश जस्टिस चंद्रचूड़ ने मामले को जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ के सामने मेंशन करने को कहा।

सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दिल्ली के सराय काले खां में स्थित रैन बसेरा 235 को हटाने पर रोक लगाने की मांग किया था। याचिका में कहा कि वहां पर 50 से ज़्यादा लोग आश्रयगृह में रह रहे हैं। उनके पुनर्वास के लिए कोई वैकल्पिक उपाय किये बिना रैन बसेरा को हटाया जा रहा है। रैन बसेरा को हटाने के आदेश में कहा गया कि वह अपराध का विषय बन गया है और हिस्ट्रीशीटर के लिए ठिकाना बन गया है। DDA सराय काले खां में युमना बाढ़ क्षेत्र में बाँसड़ा नाम का एक बांस का बगीचा बना रहा है और रैन बसेरा वहीं स्थित है।

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याचिका में कहा कि कानून व्यवस्था की स्तिथि शेल्टर होम को हटाने का आधार नहीं हो सकता है। शहरी बेघरों के लिए आश्रयों के निर्माण के लिए दिशानिर्देशों के अनुपालन में आश्रय की स्थापना की गई थी। याचिका में कहा कि दिल्ली पुलिस ने कहा है कि शेल्टर के चारों ओर कचरा और भोजन फेंका जाता है जिससे विभिन्न बीमारियां होती हैं। शेल्टर के खराब कर्मचारी, स्वच्छता और रखरखाव शेल्टर को हटाने के लिए आधार नहीं हो सकते हैं, जहां बेघर लोग रहते हैं।

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