Zika Virus: आंध्र प्रदेश में नेल्लोर जिले के वेंकटपुरम गांव के एक पांच साल के बच्चे का जीका वायरस के लिए परीक्षण किया गया है। पुष्टि के लिए उसके ब्लड के नमूने को पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) में भेजा गया है।नेल्लोर के डीएम ओ. आनंद ने कहा कि स्थानीय प्रयोगशाला में जीका वायरस संक्रमण का शक होने के बाद बच्चे को बेहतर इलाज के लिए चेन्नई भेज दिया गया था।
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साफ-सफाई का रखें ध्यान – डीेेम ने कहा कि जरूरी स्वास्थ्य उपाय लागू किए गए हैं। इसमें हेल्थ कैंप, बच्चे के घर के पास अतिरिक्त नमूना संग्रह और साफ-सफाई की कोशशि जैसे जरूरी कदम उठाए गए हैं।उन्होंने जनता को भरोसा दिलाते हुए कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि रैपिड रिस्पांस टीमें मौजूद हैं और सभी एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं।
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प्रशासन ने दिया ये बयान- ओ. आनंद ने कहा, “मामला अभी भी संदिग्ध है, ये नेगेटिव या पॉजिटिव हो सकता है। अगर ये पॉजिटिव भी है, तो भी हम पूरी तरह तैयार हैं।उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को नहीं लगता कि ये मामला जीका संक्रमण का है, क्योंकि बच्चे का कोई जर्नी हिस्ट्री नहीं है।
कैसे फैलता है जीका वायरस – आपको बता दें कि पहली बार ये गंभीर बीमारी अफ्रीकी देश युगांडा के जंगल में अप्रैल 1947 में बंदरों की रीसस मकाक प्रजाति में पाया गया था। साल 1952 में इसका नाम जीका रखा गया, क्यों कि वायरल जीका फारेस्ट में पाया गया था। जीका वायरस आमतौर पर मच्छरों के काटने से फैल सकता है।जीका वायरस आमतौर पर एडीज मच्छरों के काटने से फैलता है। इस वायरस का मच्छर दिन और रात दोनों में काटता है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकता है।