अमित शाह ने विधायी प्रारूपण पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया, स्पष्ट और सरल कानून का मसौदा तैयार करने को कहा

अमित शाह ने विधायी प्रारूपण पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया
(प्रदीप कुमार )-Union Home Minister Amit Shah – केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसद परिसर में विधायी प्रारूपण संबंधी प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया।स्पीकर बिरला ने कहा लोकतंत्र में वाद-विवाद और चर्चा रचनात्मक और सकारात्मक होनी चाहिए केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री,  अमित शाह ने आज संसद भवन परिसर में विधायी प्रारूपण संबंधी 12 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी इस अवसर की शोभा बढ़ाई। इस अवसर पर संसदीय कार्य और कोयला और खान मंत्री प्रह्लाद जोशी और संसदीय कार्य मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय में राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी उपस्थित थे। इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए, ओम बिरला ने कहा कि लोकतांत्रिक समाज में कानूनों का बहुत महत्व होता है। उन्होंने आगे कहा कि विधानों को स्पष्ट बनाना बहुत जरूरी है क्योंकि जब कार्यान्वयन और व्याख्या की बात आती है, तो इससे समय और संसाधनों की बचत होती है। प्रारूपकारों से कानूनों का मसौदा तैयार करते समय सावधान रहने का आग्रह करते हुए, उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि प्रारूपकारों को विधायी प्रारूपण संबंधी अपने ज्ञान को नियमित रूप से अद्यतन करते रहना चाहिए ।
ओम बिरला ने इस बात पर भी जोर दिया कि यह सुनिश्चित करना भी आवश्यक है कि विधानों की भाषा सरल और स्पष्ट हो । प्रारूपकारों को संवैधानिक प्रावधानों के साथ-साथ समसामयिक मुद्दों से सुपरिचित होने की सलाह देते हुए, बिरला ने उन्हें यह परामर्श भी दिया कि उन्हें विधेयक पेश करने के संबंध में निर्धारित प्रक्रिया से अवगत होना चाहिए । ओम बिरला ने कहा कि सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए स्पष्ट और सरल भाषा में कानून का मसौदा तैयार किया जाना चाहिए।

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ओम बिरला ने नियमावली के महत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि नियम बनाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कानून बनाना । उन्होंने यह जानकारी भी दी कि लोक सभा सचिवालय विधायी प्रारूपण और नियम तैयार करने संबंधी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता रहेगा। ओम बिरला ने कहा कि इस प्रकार के क्षमता निर्माण के उपायों से संसद में बेहतर बहस और चर्चा में मदद मिलेगी जिससे लोकतंत्र मजबूत होगा। इस अवसर पर ओम बिरला ने संसद में रचनात्मक और सकारात्मक चर्चा की भी अपील की। ओम बिरला ने कहा कि लोकतंत्र में बहस और चर्चा सकारात्मक और रचनात्मक होनी चाहिए।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि लेजिस्लेटिव ड्राफ्टिंग हमारे लोकतंत्र का बहुत महत्वपूर्ण अंग है कि इसके बारे में जानकारी का अभाव ना केवल कानूनों और पूरी लोकतांत्रिक व्यवस्था को निर्बल करता है बल्कि ज्यूडिश्यिरी के कार्यों को भी प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि लेजिस्लेटिव ड्राफ्टिंग किसी भी लोकतांत्रिक देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है इसलिए इसके स्किल में समयानुसार बदलाव, बढ़ोत्तरी और अधिक दक्षता होती रहनी चाहिए ।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सरकार का सबसे शक्तिशाली अंग संसद है और इसकी ताकत कानून है। उन्होंने कहा कि लेजिस्लेटिव ड्राफ्टिंग किसी भी देश को अच्छे तरीके से चलाने की सबसे महत्वपूर्ण विधा है।अमित शाह ने कहा कि संसद और लोगों की इच्छा को कानून में ट्रांस्लेट करते समय बहुत सारी बातों का ध्यान रखना होता है, जैसे, संविधान, लोगों के रीति-रिवाज़, संस्कृति, ऐतिहासिक विरासत, शासन व्यवस्था की संरचना, समाज की प्रकृति, देश के सामाजिक-आर्थिक विकास और अंतर्राष्ट्रीय संधियां। अमित शाह ने कहा कि लेजिस्लेटिव ड्राफ्टिंग कोई विज्ञान या कला नहीं है, बल्कि एक कौशल है जिसे स्पिरिट के साथ जोड़कर लागू करना है, ग्रे एरिया को मिनिमाइज़ करने पर हमेशा ध्यान देना चाहिए और कानून सुस्पष्ट होना चाहिए।
लोक सभा के महासचिव, उत्पल कुमार सिंह ने स्वागत भाषण दिया और अपर सचिव, लोक सभा सचिवालय  प्रसेनजीत सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया ।
संसदीय लोकतंत्र शोध और प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड) के सहयोग से संवैधानिक और संसदीय अध्ययन संस्थान (आईसीपीएस) द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य संसद, राज्य विधानमंडलों और विभिन्न मंत्रालयों, वैधानिक निकायों और अन्य सरकारी विभागों के अधिकारियों को विधायी प्रारूपण के सिद्धांतों और प्रथाओं की जानकारी देना है। इस कार्यक्रम को ऑनलाइन और ऑफलाइन के हाइब्रिड मोड में आयोजित किया जा रहा है।Union Home Minister Amit Shah 

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