UP ESMA- यूपी के सीएम योगी की सरकार ने राज्य में अगले 6 महीने के लिए हड़ताल और प्रदर्शन पर रोक लगा दी है. योगी सरकार मे स्पष्ट किया है कि अगले 6 महीने में कोई भी कर्मचारी हड़ताल या प्रदर्शन नही करेगा.अगर कोई करता है तो उससे बड़े ही सख्ती से निपटा जाएगा.ऐसा करने वालों को पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती हैं.
आपको बता दे कि 6 महीने की रोक लगाने के लिए योगी सरकार ने एसेंशियल सर्विसेस मेंटेनेंस एक्ट (ESMA) का इस्तेमाल किया हैं. और ये नियम राज्य सरकार के सभी विभागों, निगम और कॉर्पोरेशन पर लागू होगा.पिछले साल भी यूपी सरकार ने ESMA एक्ट लागू कर हड़ताल पर रोक लगा दी थी. तब बिजली विभाग के कुछ कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे. ESMA 1968 में संसद में पास हुआ था. इसका इस्तेमाल कर कोई भी राज्य सरकार अपने यहां हड़ताल करने पर पाबंदी लगा सकती है. इसे एक बार में 6 महीने तक के लिए लागू किया जाता हैं .
क्या हैं ESMA
ESMA कानून ऐसी सुविधाओं पर लागू होता है, जो आवश्यक मानी जाती हैं। राज्य सरकार के अंतर्गत काम करने वाले कर्मचारी जब लम्बी हड़ताल या प्रदर्शन पर जाते हैं तो उसे रोकने और सुविधाओं को सामान्य रूप से संचालित करने के लिए सरकार ESMA लगाती है। हालाँकि, एक बार लगाया गया ESMA 6 माह तक ही जारी रह सकता है।
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ESMA से कर्मचारियों पर लग जाती है पाबंदी
आपको बता दे कि राज्य सरकार एसेंशियल सर्विसेस मेंटेनेंस एक्ट के प्रावधानों को लागू करती हैं तो सरकारी कर्मचारीयो और अफसरों पर कई तरह की पाबंदी लग जाती हैं . इसी बीत कोई भी अफसर और कर्मचारी ओवरटाईम करने से मना नही कर सकता है. अगर कोई भी कर्मचारी इन नियमों को उल्लंघन करता है तो उसे दोषी माना जाएगा और साथ ही 1 साल जेल और 1 हजार का जुर्माना लगाया जा सकता हैं.इतना ही नहीं, नियमों का उल्लंघन करने पर पुलिस किसी को भी बिना वारंट गिरफ्तार कर सकती है.