(अजय पाल) – अहमद मुर्तजा को फांसी की सजा मिलने के बाद एडीजी लॉ एंड प्रशांत कुमार ने कहा कि लगातार 60 दिनों तक चली सुनवाई के बाद आज अहमद मुर्तजा को आज सजा के सजा का ऐलान किया गया। कभी मुंबई से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाला अहमद मुर्तजा आतंकवादी संगठनों की मदद के लिए फंडिंग भी करता था। गोरखपुर मंदिर पर हमला करने वाला अहमद मुर्तजा अब्बास के खिलाफ NIA कोर्ट ने फांसी की सजा का ऐलान कर दिया है। 3 अप्रैल 2022 को पीएसी जवानों पर मुर्तजा ने गोरखनाथ मंदिर में बांके से हमला किया कर दिया था। पीएसी जवानों ने बहादुरी दिखाते हुए मुर्तजा से हथियार छीनने की कोशिश की। उसके बाद गोरखनाथ मंदिर परिसर में हंगामा मच गया था। मंदिर की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने आनन फानन में अहमद मुर्तजा को गिरफ्तार कर लिय़ा था। मुर्तजा के पास से उस समय पैन कार्ड ,लैपटाप व एयरलाइन का टिकट बरामद हुआ था।
क्या था पूरा मामला
गोरखनाथ मंदिर में हमला करने के आरोप में मुर्तजा को आईपीसी का धारा 121 में मौत की सजा व धारा 307 में आजीवन कारावास की सजा दी गयी है। मुर्तजा पर UAPA के तहत मामला दर्ज किया गया था। सोमवार को सुनवाई के लिए लखनऊ की NIA/ ATS कोर्ट में लाया गया था। कोर्ट ने मुर्तजा पर लगे सबूतों को सही माना व 10 महीने बाद फांसी सजा के ऐलान किया।
घर में करता था राइफल से प्रैक्टिस
पुलिस ने जब मुर्तजा से पूछताछ की तब मुर्तजा ने पुलिस को बताया कि वह इंटरनेट से वह Ak 47 rifle को चलाने के वीडियो को देखता था। घर में वह एयर राइफल की प्रैक्टिस भी करता था। पुलिस ने मुर्तजा से की गई पूछताछ के बाद विभिन्न स्थानों पर छापेमारी के बाद पता चला कि मुर्तजा G MAIL.TWITTER ,FACEBOOK के माध्यम से मुर्तजा ISIS के लड़ाकों से भी जुड़ा हुआ था।
Read also:- क्या है शालिग्राम शिला जिससे बनेगी राम-सीता की मूर्ति, जानिए इसका धार्मिक महत्व
अहमद मुर्तजा ने 2015 में आईआईटी मुंबई से केमिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया था । अहमद मुर्तजा मूल रूप से गोरखपुर के थाना कैंट थाना क्षेत्र के अब्बासी नर्सिंग होम के पास का रहने वाला था। आरोपी मुर्तजा खुद को मानसिक बीमार भी बताता रहा थ।