अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर अलग-अलग क्षेत्रों में बेहतरीन काम करने वाली महिलाओं को किया गया सम्मानित

(विकास मेहल): करनाल में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर अनाज मंडी में कार्यक्रम रखा गया। ये कार्यक्रम राज्य स्तरीय था तो इस कार्यक्रम में सीएम मनोहर लाल मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे। उनके साथ महिला एवम बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा भी पहुंचे। वहीं पंचायत राज मंत्री देवेंद्र सिंह बबली भी पहुंचे। इस कार्यक्रम में अलग-अलग क्षेत्रों में बेहतरीन काम करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया, किसी ने खेल के क्षेत्र, तो किसी ने सामाजिक काम में, किसी ने बच्चियों को पढ़ाने के क्षेत्र में तो किसी ने लिंगानुपात बढ़ाने के क्षेत्र में तो किसी ने बच्चों के पोषण का ध्यान रखने में अहम भूमिका निभाई है। महिलाओं को आज कई अलग-अलग सम्मान दिए गए।

महिलाओं को सुषमा स्वराज पुरस्कार दिया गया, इंदिरा गांधी महिला शक्ति पुरस्कार, कल्पना चावला शोर्य पुरस्कार, लाइफटाइम अचिवमेंट पुरस्कार, वूमेन आउट स्टैंडिंग अचीवर्स पुरस्कार, घटते लिंगानुपात में सुधार प्रोत्साहन पुरस्कार। वहीं पोषण स्तर पर सुधार के लिए न्यूट्रीशन पुरस्कार दिया है। नारी आज के वक्त हर क्षेत्र में पुरषों से कंधा से कंधा मिलाकर चल रही हैं, कई क्षेत्रों में तो उन्होंने पुरषों को भी पीछे छोड़ दिया है। महिलाओं के चेहरे पर आज मुस्कान थी क्योंकि उन्हें सीएम मनोहर लाल ने बेहतरीन काम के लिए खुद सम्मानित किया।

इस दौरान सीएम मनोहर लाल ने सफलता का सफरनामा किताब का विमोचन भी किया गया। सीएम मनोहर लाल ने कहा कि हर सफल व्यक्ति के पीछे एक महिला का हाथ होता है तो उन्होंने कहा कि मेरे पिता ने 10 th के बाद पढ़ाने से मना कर दिया था, मेरी मां ने मुझे पैसे दिए और मैंने कॉलेज में पढ़ाई की, मेरी सफलता के पीछे मेरी मां का हाथ है , मैं आज जो खड़ा हूं यहां पर अपनी मां के कारण खड़ा हूं। मां का स्नेह बच्चों के लिए ज्यादा होता है। महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है, बस महिलाओं को अवसर मिलना चाहिए और अब उन्हें अवसर मिल रहा है, शिक्षा, खेल, सामाजिक हर क्षेत्र में महिलाएं आगे बढ़ रही हैं।

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सीएम मनोहर लाल ने कई महिलाओं के नाम लेकर मिसाल दी कि जिन्होंने अपने अपने क्षेत्र में रिकॉर्ड बनाएं हैं और अपनी छाप छोड़ी है। बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ की शुरुआत भी हरियाणा राज्य से हुई। 2014 में जब इस अभियान की शुरुआत हुई थी तो 1000 लड़कों के पीछे 871 लड़कियां थी और अब 923 लड़कियां है, लिंगानुपात में सुधार है। महिलाओं के लिए हम नई नई योजनाएं लेकर आ रहे हैं, ताकि महिलाएं हर क्षेत्र में बेहतरीन काम करें और समाज का विकास हो।

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